Saturday, April 20, 2024
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कप्तान और कोच मेरी बल्लेबाजी शैली का महत्व समझते हैं : पुजारा

चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि स्ट्राइक रेट को लेकर उनकी आलोचना अनुचित है और उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम प्रबंधन का उन्हें पूरा समर्थन हासिल है जो उनकी बल्लेबाजी शैली के महत्व को समझता है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: March 19, 2020 19:02 IST
कप्तान और कोच मेरी...- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES कप्तान और कोच मेरी बल्लेबाजी शैली का महत्व समझते हैं : पुजारा

नई दिल्ली। चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि स्ट्राइक रेट को लेकर उनकी आलोचना अनुचित है और उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम प्रबंधन का उन्हें पूरा समर्थन हासिल है जो उनकी बल्लेबाजी शैली के महत्व को समझता है। अब जबकि धूमधड़ाके वाली क्रिकेट का जमाना है तब पुजारा स्ट्राइक रेट की परवाह किये बिना क्रीज पर टिके रहने को महत्व देते है।

पिछले सप्ताह रणजी ट्राफी फाइनल में बंगाल के खिलाफ 237 गेंदों पर 66 रन बनाने पर भी उनकी आलोचना हुई थी। उन्होंने जबकि तब बुखार और गले में संक्रमण के बावजूद अर्पित वासवदा के साथ मिलकर मैच का पासा पलटने वाली साझेदारी निभायी थी जिससे सौराष्ट्र पहली पारी में बढ़त हासिल करके पहली बार रणजी चैंपियन बनने में सफल रहा था।

सौराष्ट्र हो या भारत पुजारा कहीं से भी खेल रहे हों उन्हें हमेशा अपने स्ट्राइक रेट के कारण आलोचना सहनी पड़ती है। कोविड-19 के कारण दुनिया भर की खेल गतिविधियां ठप्प पड़ जाने के कारण परिवार के साथ समय बिता रहे पुजारा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टीम के अंदर इसको लेकर ज्यादा बात होती है। मीडिया में इसका विश्लेषण भिन्न तरह से होता है लेकिन टीम प्रबंधन इस मामले में पूरी तरह से मेरा साथ देता है। कप्तान, कोच या किसी अन्य की तरफ से कोई दबाव नहीं है।’’

अब तक 77 टेस्ट मैचों में 48.66 की औसत से रन बनाने वाले पुजारा ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब स्ट्राइक रेट की बात आती है तो लोग टीम प्रबंधन की राय की बात करने लगते हैं लेकिन मुझ पर इसका किसी तरह का दबाव नहीं होता है। टीम प्रबंधन मेरे खेल की शैली और उसके महत्व को समझता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर (रणजी फाइनल के दौरान) सवाल किया गया कि मैं इतने रन बनाने के लिये इतना समय क्यों ले रहा है। क्या मैंने ऐसी बातों पर ध्यान दिया। नहीं। मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि टीम को जीत मिले।’’ पुजारा ने कहा, ‘‘लोगों की एक व्यक्ति पर उंगली उठाने की आदत होती है लेकिन यह केवल मुझ तक सीमित नहीं है। अगर आप किसी भी टेस्ट श्रृंखला पर गौर करो जहां मैंने थोड़ा अधिक समय लेकर रन बनाये हों वहां विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने भी उतनी ही अधिक गेंदें खेली।’’

पुजारा ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि मैं डेविड वार्नर या वीरेंद्र सहवाग नहीं बन सकता लेकिन अगर कोई सामान्य बल्लेबाज क्रीज पर समय ले रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ’’ न्यूजीलैंड में सभी भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा और भारत टेस्ट श्रृंखला में 0-2 से हार गया। पुजारा ने इस सत्र में पांच अर्धशतक जमाये हैं लेकिन वह अपने 18 टेस्ट शतकों में कोई इजाफा नहीं कर पाये।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुझसे बड़ी पारी की उम्मीद करते हैं। मैं हमेशा खुद के सामने शतक जड़ने की चुनौती रखते हैं लेकिन टेस्ट में 50 के करीब के औसत का मतलब है कि आपने लगभग हर दूसरी पारी में 50 के आसपास रन बनाये।’’ पुजारा ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपने लिये उच्च मानदंड तय करता हूं और मैं सत्र में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं लेकिन मैं इसे बुरा भी नहीं कह सकता हूं।’’

न्यूजीलैंड में हार पर सोचने के बजाय पुजारा ऑस्ट्रेलियाई चुनौती पर ध्यान दे रहे हैं, विशेषकर वहां के पिछले दौरे में अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम से अपेक्षाएं बढ़ गयी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिये सबसे महत्वपूर्ण श्रृंखलाओं में से एक है।’’ ऑस्ट्रेलियाई टीम में इस बार स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर भी होंगे। इस बारे में पुजारा ने कहा, ‘‘वे (स्मिथ और वार्नर) अहम खिलाड़ी है लेकिन अगर हम वैसा ही खेलते हैं जैसा पिछली श्रृंखला में खेले थे तो फिर हम उन्हें हरा सकते हैं।’’

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