Thursday, March 28, 2024
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अमित पंघाल ने बेमौसम बरसात से परेशान किसानों के लिए उठाई आवाज, सराकर से मांगी मदद

पंघाल ने कहा,‘‘हमारी फसलों पर भी असर पड़ा लेकिन हमारी स्थिति अच्छी है। किसान पुत्र होने के कारण उनके लिये आवाज उठाना मेरा दायित्व है।’’

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 14, 2020 13:57 IST
Amit Panghal raised voice for farmers troubled by unseasonal rain, sought help from government- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Amit Panghal raised voice for farmers troubled by unseasonal rain, sought help from government

नई दिल्ली। एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज अमित पंघाल के लिये लॉकडाउन का मतलब फिट रहने और परिवार के साथ समय बिताने तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने इस बीच अपने गांव के किसानों की परेशानियां देखी और सरकार से मदद की अपील की। यह 24 वर्षीय खिलाड़ी मायना गांव का रहने वाला है जो रोहतक से पांच किमी की दूरी पर स्थित है। लॉकडाउन के कारण अभ्यास शिविर बंद होने से पिछले कई वर्षों में पहली बार उन्हें गर्मियों का समय अपने घर में बिताने का मौका मिला। सेना में कार्यरत पंघाल ने इस बीच अपने पिता विजेंदर सिंह पंघाल की गेहूं की कटाई में मदद की और इस बीच उन्हें बेमौसम बरसात और कोरोना वायरस के चलते लगाये गये लॉकडाउन के कारण किसानों की परेशानियों से रू-ब-रू होने का भी मौका मिला। 

विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज पंघाल ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘मेरा गांव और 13 समीपवर्ती गांव ओले पड़ने और बेमौसम बरसात से प्रभावित रहे। इसके कारण उनकी फसलें नष्ट हो गयी। मैंने कभी इस तरह की बुरी स्थिति नहीं देखी। अनाज बेचना तो दूर की बात है कुछ किसान तो अपनी आजीविका लायक भी उपज पैदा नहीं कर पाये।’’ 

पंघाल ने पिछले महीने कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग के लिये प्रधानमंत्री राहत कोष में एक लाख 11 हजार रुपये दिये थे। उन्होंने कहा,‘‘मैं हरियाणा सरकार से अपील करता हूं कि कृपया इन लोगों की मदद करें। वे हताश हैं।’’ रोहतक के किसानों ने मौसम से प्रभावित फसलों के नुकसान की भरपायी के लिये सरकार से मुआवजे की मांग की है। 

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राज्य सरकार से लागत का आकलन करने के लिये सर्वे किया है लेकिन रिपोर्टों के अनुसार किसानों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। पंघाल ने ट्विटर पर भी अपील की। इसमें उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया। उन्होंने कहा,‘‘अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है लेकिन मुझे मदद की उम्मीद है। मार्च में ओले पड़ने से यहां के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उनके पास कुछ नहीं बचा है। अगर उन्हें जल्द मदद नहीं मिली तो उनके पास खाने की सामग्री भी नहीं रहेगी।’’ 

पंघाल ने कहा,‘‘हमारी फसलों पर भी असर पड़ा लेकिन हमारी स्थिति अच्छी है। हम अपनी उपज का उपयोग खुद के लिये ही करते हैं लेकिन जिन लोगों की मैं बात कर रहा हूं कि वे काफी बुरी स्थिति में हैं। उन्हें मदद की जरूरत है। किसान पुत्र होने के कारण उनके लिये आवाज उठाना मेरा दायित्व है।’’ 

पंघाल ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के दिनों में अपनी फिटनेस पर ध्यान दिया और इस बीच उन्हें अपनी मां के हाथ का बना खाना खाने को मिला। उन्होंने कहा,‘‘हमें कोचों ने दिनचर्या के लिये कार्यक्रम सौंपा था। मैं उस पर कायम रहा। मैं अपने घर के करीब स्थित सीनियर के आवास पर अभ्यास करता हूं क्योंकि वहां सभी सुविधाएं हैं। मेरा ध्यान फिट बने रहने पर है। इसके अलावा मैंने अपने परिवार के साथ समय बिताया। पहली बार मैं इतने लंबे समय तक घर पर रहा। आजकल चूल्हे की रोटियां खा रहा हूं। मुझे लगातार मां के हाथ का बना खाना मिल रहा है। ’’

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