यह वैक्सीन शरीर में जाते ही इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडी बनाने पर जोर देती है, और एंटीबॉडी वायरस को खत्म करने लगती है।
इनमें से लगभग सभी या 97 प्रतिशत भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बाशिंदे हैं। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान नियमित टीकाकरण बुरी तरह अवरुद्ध हुआ है और माता-पिता इस काम के लिए बच्चों को अस्पताल ले जाने से बच रहे हैं।
राजस्थान में बीकानेर के छतरगढ़ के एसएचओ सुरेंद्र बारूपाल ने देश में जारी इस संकट में एक सराहनीय पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होनें अपनी बॉडी पर कोरोना वैक्सीन परीक्षण की इच्छा जताई है।
सारी दुनिया पर कहर बनकर टूट पड़े कोरोना वायरस के बारे में एक रूसी वैज्ञानिक ने सनसनीखेज दावा किया है।
ब्रिटेन में आज से कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को इस महामारी से निजात दिलाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग ट्रायल शुरू हो गया है। ब्रिटेन में बेहद अप्रत्याशित तेजी के साथ शुरू हुई इस परीक्षण पर पूरे विश्व की नजरें टिकी हुई हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सितंबर तक 10 लाख वैक्सीन की डोज बनाने की तैयारी चल रही है और कहा जा रहा है कि तय प्रोटोकॉल से पहले ही इस टीके की ह्यूमन टेस्टिंग की जाएगी।
भारत के वैज्ञानिक और कई दवा कंपनियां भी वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और जो रिपोर्ट्स आ रही हैं उससे लगता यही है कि कोरोना वैक्सीन भारत ही बनाएगा।
कोरोना से निजात पाने के लिए वैक्सीन बनाने में कई रिसर्च की जा रही हैं। इसी बीच सामने आया कि बीसीजी वैक्सीन कोरोना को रोकने में मदद कर सकती हैं। जानें डॉक्टरों की राय
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं, वहां रहें, सुरक्षित रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की कम उपलब्धता पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा इस क्षेत्र में सहयोग के रास्ते तलाशने पर सहमति जताई।
दुनिया को तबाह करने वाले कोरोनावायरस के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ते हुए भारतीय वैज्ञानिक इसका टीका (वैक्सीन) विकसित करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
बोस्टन की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना थेरेप्यूटिक्स ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शन डिजीज के साथ मिलकर आंतरिक सेफ्टी ट्रायल के जरिये वैक्सीन बनाने में सबसे आगे है।
जर्मनी की दवा कंपनी CureVac ने मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा है कि उसे अमेरिका की तरफ से किसी भी तरह का ऑफर नहीं मिला था।
जर्मनी ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कोरोना के इलाज के लिए विकसित की जाने वाली दवा के लिए एक जर्मन कंपनी के साथ डील करने की कोशिश की थी।
अमेरिका ने ऐलान किया है कि वह कोरोना वायरस का इलाज करने वाली वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है।
चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोनावायरस प्रकोप से निपटने के लिए वैज्ञानिक जल्द से जल्द इसका टीका विकसित करने के लिए जुटे हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पोलियो की दवा की खुराक के कुछ बैच में पोलियो विषाणु टाइप दो होने का पता चलने के बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में निगरानी बढ़ा दी गई है।
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