Sunday, April 28, 2024
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अयोध्या राम मंदिर: अस्थाई मंदिर में रामलला को लगाया गया छप्पन भोग, देखें वीडियो

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा, लेकिन उससे पहले ही 16 जनवरी से अन्य कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। इससे पहले अस्थाई राम मंदिर में रामलला को छप्पन भोग लगाया गया है।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 12, 2024 0:00 IST
Ayodhya, Ram Mandir - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV अयोध्या राम मंदिर: रामलला को लगाया गया छप्पन भोग

अयोध्या: अयोध्या धाम में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। हर तरफ उत्साह का माहौल है। अयोध्या में बन नया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी शुरू हो गया है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस कार्यक्रम में देश के कई VVIP शामिल होंगे। वहीं इससे पहले आज गुरुवार को एक भक्त ने रामलला को छप्पन भोग लगाया है। इसका एक वीडियो भी राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने साझा किया है।

 बता दें कि रामलला अभी अस्थाई राम मंदिर में विराजमान हैं। अभी यहीं रामलला की पूजा होती है। रामलला के साथ-साथ इस मंदिर में उनके तीन अन्य भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भी विराजित हैं। वहीं मंदिर के गर्भगृह में केवल रामलला की ही मूर्ति ही स्थापित की जाएगी। हालांकि प्रथम तल पर बनने वाले मंदिर में माता सीता के साथ-साथ अन्य तीनों भाई की मूर्तियां होंगी।

16 जनवरी से शुरू होंगे कार्यक्रम 

बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएंगे। 16 जनवरी से शुरू होकर यह कार्यक्रम 22 जनवरी तक चलेंगे। 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। सबसे पहले सरयू नदी के तट पर 'दशविध' स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा। इसके बाद 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।

20 जनवरी को सरयू के जल से धोया जाएगा गर्भगृह 

वहीं इसके बाद 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। अगले दिन यानि 19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी। इसके बाद 'नवग्रह' की स्थापना और हवन किया जाएगा। वहीं 20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू नदी के जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और 'अन्नाधिवास' अनुष्ठान होगा।

22 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा 

21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और अंत में उन्हें समाधि दी जाएगी। अंतिम दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में 'मृगशिरा नक्षत्र' में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा संपन्न किया जाएगा। 

 

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