Bhajan Clubbing Trend | Why Bhajan Clubbing Trending : आपने क्लब से लेकर कॉफी शॉप जैसी अनेक जगहों पर युवाओं को भजन गाते हुए भक्तिरस में डूबे हुए तो देखा ही होगा। अगर आपने नहीं भी देखा है तो आपने Gen-Z युवाओं के ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते देखे होंगे। कभी हनुमान चालीसा तो कभी भगवान राम—कृष्ण की स्तुतियां, कभी दुर्गा सप्तशती तो कभी माता के जगराते करते हुए Gen-Z युवाओं के ऐसे वीडियो खूब देखे जाते हैं और कई बार इन पर मिलियन में व्यूज आते हैं। सोशल मीडिया पर बढ़ते इस चलन को 'भजन क्लबिंग ट्रेंड' नाम दिया गया है। इस ट्रेंड के तहत आप युवाओं को आधुनिक वाद्य यंत्रों और मधुर भजनों के साथ प्रभु की भक्ति में लीन देख सकते हैं।
क्या है भजन क्लबिंग ट्रेंड
भजन क्लबिंग एक ऐसा ट्रेंड है जिसमें लोग पारंपरिक भजन संध्या और नाइट क्लब का एक्सपीरिएंस साथ में करते हैं। इस ट्रेंड का नाम Gen-Z युवाओं में बढ़ती इसकी लोकप्रियता को देखते हुए रखा गया मगर इस ट्रेंड में शामिल होने वालों का उम्र से कोई लेना-देना नहीं है। इसमें कोई भी किसी भी उम्र का व्यक्ति शामिल हो सकता है। इस ट्रेंड में भजन, गीत, स्तुति और आरतियों को आधुनिक म्यूजिक बीट्स के साथ समूह में गाया जाता है। इस सांस्कृतिक ट्रेंड को एक ऐसी पार्टी के तौर पर भी देखा जाता है जिसमें युवा समूहगायन कर भक्ति का अनुभव करते हैं।
भजन क्लबिंग की खास बातें
- यह ट्रेंड Gen-Z युवाओं को भक्ति और मस्ती का अनुभव कराता है
- इस ट्रेंड के तहत लोग नए पुराने भजनों को नई म्यूजिक बीट्स और वाद्य यंत्रों के साथ गाते हैं
- भजन क्लबिंग युवाओं को एक स्थान पर एक समय में साथ लाता है और उनको सामाजिक रूप से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है
- भजन क्लबिंग लोगों को आध्यात्मिक अनुभव भी देती है और Gen-Z युवाओं को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़ती है
ऐसे होती है भजन क्लबिंग
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसे @backstagesiblings नामक हैंडल से शेयर किया गया था। यह वीडियो मूल रूप से प्राची और राघव अग्रवाल द्वारा बनाया गया था जो भाई-बहन की जोड़ी है। वीडियो में खचाखच भरा हॉल दिखाया गया है जहां सैकड़ों लोग अनूप जलोटा द्वारा लोकप्रिय बनाए गए क्लासिक भजन "श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी" को गा रहे हैं। वीडियो में लोग गाते, ताल पर थिरकते और वीडियो रिकॉर्ड करते नजर आ रहे हैं। धीमी लाइट, छोटा सा स्टेज और भक्तिमय वातावरण ने इसे किसी धार्मिक अनुष्ठान जैसा बना दिया था।
कैसे आया भजन क्लबिंग का कॉन्सेप्ट
गौरतलब है कि, भजन क्लबिंग का कॉन्सेप्ट 'भजन संध्या' से प्रेरित है। इसे आप ऐसे भी कह सकते हैं कि, भजन क्लबिंग 'भजन संध्या' का आधुनिक प्रारूप है। भजन संध्या में जहां परिवार एकत्रित होकर हारमोनियम, तबला और ढोलक के साथ भक्ति गीत गाते थे। वहीं, Gen-Z ने इस तरीके को आधुनिक रूप में ढाला और माहौल को बस आरामदायक, अनौपचारिक जगहों में बदल दिया है। वाद्य यंत्र, आवाज़ें और भक्ति वही है बस माहौल बदल गया है।
नोट: इस खबर में दी गई जानकारी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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