Sunday, April 28, 2024
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गाजा युद्ध मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दिया ये बड़ा फैसला, दक्षिण अफ्रीका ने कहा-"हम साबित हुए सही"

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा युद्ध मामले में दक्षिण अफ्रीका की ओर से इजरायल पर लगाए गए आरोपों को सही पाया है। दक्षिण अफ्रीका ने गाजा में फिलिस्तीनियों की मौतों को नरसंहार बताया था। आइसीजे ने भी माना है कि इजरायली फौज ने गाजा में नरसंहार किया है। दक्षिण अफ्रीका ने इस फैसले के बाद कहा कि हम आइसीजे में सही साबित हुए।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 27, 2024 10:47 IST
गाजा युद्ध। - India TV Hindi
Image Source : AP गाजा युद्ध।
जोहानिसबर्गः इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा में नरसंहार के आरोप को सही ठहराया है। इससे इजरायल को बड़ा झटका लगा है। वहीं इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामफोसा खुश हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने गाजा में इजराइल के सैन्य आक्रमण के दौरान नरसंहार किए जाने के आरोप लगाने के उनके देश के फैसले को सही साबित किया है। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने गाजा में युद्धविराम का तत्काल आदेश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, लेकिन इजराइल से जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए प्रयास करने को कहा।
 
अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस मामले को दाखिल करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से इजरायल को अपना सैन्य अभियान रोकने का आदेश देने का आग्रह किया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह उस मामले को खारिज नहीं करेगी जिसमें इजरायल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया गया है। इसके बाद रामफोसा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कहा कि आईसीजे ने शुक्रवार को जो फैसला सुनाया, वह ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार और सबसे बड़ी बात, न्याय की जीत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने कहा है कि (1948 नरसंहार) संधि के अनुच्छेद नौ के अनुसार, उसे हमारी याचिका पर फैसला करने का अधिकार है।
 

आईसीजे ने क्या कहा

आईसीजे ने जो आदेश दिया है, उसके अनुसार यह नरसंहार का मामला है। दक्षिण अफ्रीका के’ राष्ट्रपति ने कहा कि आईसीजे का फैसला गाजा के लोगों के लिए न्याय सुरक्षित करने की दक्षिण अफ्रीका की कोशिश में महत्वपूर्ण पहला कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने हमें अपने काम से काम रखने को कहा। कुछ ने कहा कि इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है लेकिन बेदखली, भेदभाव और सरकार प्रायोजित हिंसा के दर्द से भली भांति परिचित होने के नाते इससे हमारा लेना-देना है।’’ रामफोसा ने आईसीजे में दक्षिण अफ्रीका की याचिका का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद दिया। (भाषा)

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