Saturday, April 27, 2024
Advertisement

इस देश ने भारत और चीन को ठहराया दुनिया में प्रदूषण फैलाने का जिम्मेदार, COP27 समिट में की मुआवजे की मांग, बड़े देशों का नहीं लिया नाम!

COP27 India China: एक देश ने भारत और चीन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले देश बताया है। साथ ही मुआवजे की मांग भी की है। जबकि चीन ही वो देश है, जिसने जलवायु को लेकर फंड का समर्थन किया था।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: November 10, 2022 22:36 IST
एंटीगुआ और बारबुडा ने भारत और चीन पर लगाया प्रदूषण फैलाने का आरोप - India TV Hindi
Image Source : AP एंटीगुआ और बारबुडा ने भारत और चीन पर लगाया प्रदूषण फैलाने का आरोप

आज के समय में प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन चुका है, जो न केवल छोटे बल्कि बड़ी देशों को भी पूरी तरह प्रभावित कर रहा है। लेकिन जब इसके पीछे जिम्मेदार देशों की बात की जाती है, तो पश्चिमी देश अपना मुंह छिपा लेते हैं। फिर भारत और चीन जैसे देशों को इसका जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस बीच द्वीपीय देश एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री ने मंगलवार को दिए अपने बयान में कहा, चीन और भारत सहित बड़े पैमाने पर प्रदूषण के लिए जिम्मेदार अर्थव्यवस्थाओं को जलवायु परिवर्तन आपदाओं के बाद पुनर्निर्माण के लिए देशों को जलवायु मुआवजा प्रदान करना चाहिए। मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन COP27 के दौरान छोटे द्वीप राष्ट्रों के गठबंधन ने भारत और चीन से मुआवजे की मांग की है।

द्वीपीय राष्ट्र के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने एसोसिएशन ऑफ स्मॉल आइलैंड स्टेट्स (AOSIS) की ओर से बोलते हुए कहा कि दुनिया के पहले और तीसरे सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक देश (चीन और भारत) की एक फंड में भुगतान करने की जिम्मेदारी बनती है। ब्राउन ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि चीन और भारत मुख्य रूप से प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं और प्रदूषकों को भुगतान करना पड़ता है।"

किसी देश के पास फ्री पास नहीं- ब्राउन

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी देश के पास कोई फ्री पास है और मैं यह बात किसी कटुता के साथ नहीं कह रहा हूं। सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता के इतिहास में पहली बार औपचारिक एजेंडे पर 'लॉस और डैमेज' विषय को रखने पर सहमति व्यक्त की। जलवायु-संवेदनशील देशों ने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख उत्सर्जकों से जलवायु मुआवजे का भुगतान करने का आह्वान किया है।

भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन विश्व औसत से कम

चीन ने खुद लॉस और डैमेज फंड के निर्माण का समर्थन किया था लेकिन यह नहीं कहा कि वह इसके लिए भुगतान करेगा। वहीं यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक चीन को भुगतान करना चाहिए। भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन, दुनिया के शीर्ष उत्सर्जक में से एक, विश्व औसत से काफी नीचे है। वहीं AOSIS 2024 तक एक मल्टीबिलियन डॉलर फंड लॉन्च करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता चाहता है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement