Friday, April 26, 2024
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UAE News: यूएई में भी लगी पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग, शुरू हुआ विरोध, लोगों ने कहा सबके पास नहीं है तेल का कुआं

UAE News: ईंधन की कीमत बढ़ने से स्थानीय लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि ज्यादातर बाहरी लोग सोचते हैं कि यूएई के लोग अमीर होते हैं, लेकिन मेरे पास तेल का कुंआ नहीं है। हमारी जरूरतें भी समय के साथ बढ़ रही हैं।

Shashi Rai Written By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: July 14, 2022 13:19 IST
Symbolic Picture- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Symbolic Picture

Highlights

  • संयुक्त अरब अमीरात में पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है
  • खुदरा ईंधन की कीमतें करीब 100 रुपए प्रति लीटर हुई
  • ईंधन की कीमत बढ़ने से स्थानीय लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं

UAE News: संयुक्त अरब अमीरात में पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। यहां जुलाई के महीने में खुदरा ईंधन की कीमतें करीब 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। हालांकि यूएई में पेट्रोल, डीजल के दाम अमेरिका और ब्रिटेन से कम हैं, लेकिन यहां के लोग सस्ते ईंधन को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं यही वजह है कि लोग ईंधन के बढ़े दामों का विरोध कर रहे हैं। यूएई ने अगस्त 2015 में ईंधन की कीमत को डीरेगुलेट कर दिया था, इसके बाद जून में पहली बार ईंधन की कीमत 4 दिरहम प्रति लीटर को पार कर गई। ग्लोबल पेट्रोल प्राइसेस( Global Petrol Prices) के आंकड़ों के मुताबिक, यूएई में ईंधन 117 देशों के मुकाबले सस्ता है, जबकि खाड़ी देशों सहित 50 देशों की तुलना में महंगा है।  

क्यों बढ़े दाम?

रूस, यूक्रेन युद्ध के बाद से ईंधन की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहने के बाद वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें पिछले महीने 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गईं। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी से जुड़ी चिंताओं की वजह से कच्चे तेल की मांग कम होने से ऐसा हुआ, लेकिन बाद में कीमतों में फिर से उछाल आया। यूएई को तेल कारोबार से बहुत लाभ हो रहा है, लेकिन ईंधन की कीमत बढ़ने से स्थानीय लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि ज्यादातर बाहरी लोग सोचते हैं कि यूएई के लोग अमीर होते हैं, लेकिन मेरे पास तेल का कुंआ नहीं है। हमारी जरूरतें भी समय के साथ बढ़ रही हैं। 

13 अरब डॉलर आवंटित

सऊदी अरब और यूएई ने महंगाई से राहत देने के लिए कम आय वाले लोगों के लिए 13 अरब डॉलर आवंटित किए हैं। यहां प्रवासी लोगों की संख्या अधिक है। अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के कामकारों के लिए ईंधन की कीमतें अधिक हैं। अन्य खाड़ी अरब देशों ने भी हाल के सालों में अपने बजट को संतुलित करने के लिए सरकारी सब्सिडी और अन्य लाभ हटाए हैं, लेकिन लोगों के गुस्से को ध्यान में रखते हुए किसी भी देश ने यूएई जैसे कदम नहीं उठाए हैं। विशेज्ञों का कहना है कि यूएई इस स्थिति से बाहर निकल सकता है, क्योंकि यह भार यहां के स्थानीय लोगों पर नहीं बल्कि देश के 90 लाख प्रवासियों पर है। 

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