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पाकिस्तान से क्यों भिड़ गया अफगानिस्तान, जानिए क्यों और कितनी मजबूत है तालिबानी सेना

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो अफगानिस्तान ने उसका करारा जवाब दिया है। जानिए तालिबानी सेना इतनी मजबूत कैसे है?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Oct 14, 2025 03:12 pm IST, Updated : Oct 14, 2025 03:12 pm IST
तालिबान की सेना- India TV Hindi
Image Source : TWITTER तालिबान की सेना

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डुरंज लाइन पर 11-12 अक्टूबर 2025 की रात अचानक से जंग छिड़ गई। पाकिस्तान ने 9-10 अक्टूबर को काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले थे, जिसका करारा जवाब अफगानिस्तान की सेना ने दिया था। पाकिस्तान के इस हमले को अफगानिस्तान पर राज कर रहे तालिबान ने अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया था और उसे करारा जवाब दिया था। तालिबान ने जवाबी कार्रवाई में 25 पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया। पाकिस्तान ने कहा कि इस हमले में 200 तालिबान लड़ाकों को मार गिराया गया लेकिन इस जंग में उसके 23 सैनिक मारे गए., जबकि तालिबान का दावा है कि उसके सैनिकों ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला।

अफगानी नागरिकों ने सेना की सराहना की

 

अफगानिस्तान की अंग्रेजी वेबसाइट टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान की अवाम का कहना है कि पाकिस्तान के साथ टकराव में उनकी सेना की बहादुरी सराहनीय है और अफ़ग़ानिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाली पाकिस्तान की कार्रवाई उनके लिए असहनीय है। अफगानी सेना और तालिबानी लड़ाकों का समर्थन करने के लिए कई शहरों में युवा और कबीलाई नेता जमा हुए।

इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिर तालिबान की सेना इतनी बड़ी कैसे है कि वे एक साथ इतने हमले कर सकें? ग्लोबल पावर इंडेक्स 2025 के अनुसार पाकिस्तान की सेना दुनिया में 15वें स्थान पर है। पाकिस्तान की सेना के पास टैंक, हवाई जहाज और 6 से 7 लाख सैनिक हैं, लेकिन ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 पर नजर डालें तो, अफगानिस्तान यानी तालिबान की सैन्य ताकत दुनिया में 118वें स्थान पर है, लेकिन बॉर्डर पर तालिबान की छोटी टीमें तेज हमले कर सकती हैं।

तालिबान और पाकिस्तान में छत्तीस का आंकड़ा

तालिबान 1990 के दशक में एक छोटा समूह था, जो धार्मिक छात्रों से बना था, तालिबान के नाम का अर्थ ही होता है छात्रों का समूह। साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर फिर कब्जा कर लिया था और तब से ही तालिबान एक राष्ट्रीय सेना बनाने की कोशिश कर रहा है। पहले उनकी ताकत सिर्फ लड़ाकों की थी, लेकिन अब वे एक संगठित फौज की तरह काम करते हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान को उन्होंने सबक सिखा दिया है। अभी दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और इसे देखते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि दोनों देशों के बीच लड़ाई कभी भी शुरू हो सकती है।

क्यों मजबूत है तालिबान की सेना

तालिबानी सेना की बात करें तो भले ही इस देश की सेना में सैनिकों की संख्या कम है लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और संगठित रहना ही उसे अफगानिस्तान में मजबूत बनाती है। वैश्विक दबाव के कारण भले ही तालिबान की सेना आर्थिक रूप से कमजोर हैं लेकिन ग्लोबल पावर इंडेक्स 2025 बताता है कि उनकी रैंकिंग कम है, लेकिन स्थानीय युद्ध में वे खतरनाक हैं।

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