Monday, April 29, 2024
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अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, अपनी 20 दिन की नवजात बच्चियों को 'शादी' के लिए ऑफर कर रहे लोग

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही महिलाओं और लड़कियों का भविष्य गहरे अंधकार में चला गया है। अभी तक तो यहां लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का ही मुद्दा उठाया जा रहा था, मगर अब यहां से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है।

IANS Reported by: IANS
Published on: November 14, 2021 7:16 IST
अफगानिस्तान में अपनी 20...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE अफगानिस्तान में अपनी 20 दिन की नवजात बच्चियों को शादी के लिए ऑफर कर रहे लोग: यूनिसेफ

नई दिल्ली: यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे ने अफगानिस्तान में बाल विवाह बढ़ने की खबरों पर गहरी चिंता जाहिर की है। फोरे ने कहा, "हमें ऐसी रिपोर्ट्स मिली हैं कि परिवार दहेज के बदले में भविष्य में शादी के लिए अपनी 20 दिन तक की बेटियों की पेशकश कर रहे हैं।" अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही महिलाओं और लड़कियों का भविष्य गहरे अंधकार में चला गया है। अभी तक तो यहां लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का ही मुद्दा उठाया जा रहा था, मगर अब यहां से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। अफगानिस्तान में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि 20 दिनों तक की नवजात बच्चियों को शादी के लिए ऑफर किया जा रहा है।

यूनिसेफ ने बताया कि ऐसी विश्वसनीय रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनसे पता चलता है कि दहेज में पैसा लेने के बदले कुछ दिनों की बच्चियों को भविष्य में शादी कराने के लिए ऑफर किया जा रहा है। अफगानिस्तान में नवीनतम राजनीतिक अस्थिरता से पहले भी, यूनिसेफ के सहयोगियों के सामने अकेले हेरात और बगदीस प्रांतों में 2018 और 2019 में 183 बाल विवाह और बच्चों की बिक्री के 10 मामले सामने आए थे। बच्चों की उम्र 6 महीने से 17 साल के बीच थी। यूनिसेफ का अनुमान है कि 15-49 वर्ष की आयु की 28 प्रतिशत अफगान महिलाओं की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले कर दी जाती है।

कोविड-19 महामारी के बीच देश में मानवीय संकट खड़ा हो गया है और सर्दियां भी करीब हैं। साल 2020 में अफगानिस्तान की आधी आबादी पहले से ही गरीब थी और इनके पास साफ पानी और पैष्टिक खाने तक की व्यवस्था नहीं है, लेकिन अब खराब आर्थिक हालातों के कारण और ज्यादा लोग गहरी गरीबी में जा रहे हैं। इसके कारण उन्हें पैसों के लिए दूसरे रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं। लोग बच्चों से काम करा रहे हैं और छोटी उम्र में लड़कियों की शादी करा रहे हैं।

यूनिसेफ ने एक बयान में कहा, "अफगानिस्तान में अत्यधिक विकट आर्थिक स्थिति अधिक परिवारों को गरीबी में धकेल रही है और उन्हें बच्चों को काम पर लगाने और कम उम्र में लड़कियों की शादी करने जैसे हताश विकल्प चुनने के लिए मजबूर कर रही है।" बयान में कहा गया है, "चूंकि अधिकांश किशोर लड़कियों को अभी भी स्कूल जाने की अनुमति नहीं है, बाल विवाह का जोखिम अब और भी अधिक है। शिक्षा अक्सर बाल विवाह और बाल श्रम जैसे नकारात्मक तंत्र के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा होती है।"

दरअसल ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें पता चला है कि तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी है, जिससे स्थिति और ज्यादा घातक बन गई है। यूनिसेफ अपने भागीदारों के साथ काम कर रहा है, ताकि लड़कियों के लिए जोखिम के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाई जा सके, जिसमें उनकी शादी जल्दी कराना भी शामिल है। यूनिसेफ के अनुसार, बाल विवाह जीवन भर के कष्ट का कारण बन सकता है। यूनिसेफ ने कहा कि 18 साल की उम्र से पहले शादी करने वाली लड़कियों के स्कूल जाने की संभावना कम होती है और घरेलू हिंसा, भेदभाव, दुर्व्यवहार और खराब मानसिक स्वास्थ्य का अनुभव होने की संभावना अधिक रहती है। वह कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं। प्रसव की जटिलताओं के कारण लड़कियों का जीवन संकट में आ जाता है।

यूनिसेफ ने भूख, बाल श्रम और बाल विवाह के जोखिम को दूर करने के उद्देश्य से एक नकद सहायता कार्यक्रम शुरू किया है, लेकिन उसे डर है कि ये उपाय पर्याप्त नहीं होंगे। बयान में कहा गया है, "हमने सबसे कमजोर परिवारों में भूख, बाल श्रम और बाल विवाह के जोखिम को दूर करने में मदद के लिए नकद सहायता कार्यक्रम शुरू किया है। हम आने वाले महीनों में इसे और अन्य सामाजिक सेवाओं के कार्यक्रमों को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।" यूनिसेफ ने कहा, "यूनिसेफ धार्मिक नेताओं के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेगा कि वे युवा लड़कियों के निकाह (विवाह अनुबंध) में शामिल न हों।"

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