राजस्थान के कई जिलों में लड़कियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती हैं। शादी होने के बाद ये लड़कियां पढ़ाई के लिए स्कूल जा रही हैं। देश में बाल विवाह पूरी तरीके से प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं।
इंदौर में 15 वर्षीय लड़की और 19 वर्षीय लड़के की शादी हिंदू रीति-रिवाज से 24 अप्रैल को कराई गई थी और इसमें वर-वधू के सगे-संबंधी भी शामिल हुए थे। बालिका वधू के पिता ने बताया कि उनकी बेटी और 19 वर्षीय लड़के के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग था।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक महिला लगभग 12-13 साल के एक छोटे लड़के के साथ शादी कर रही है। वीडियो में दोनों एक दूसरे को जयमाला पहनाते दिख रहे हैं।
राजस्थान में अब बाल विवाह करने वालों की खैर नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी गांव में बाल विवाह होता है तो इसके लिए पंच और सरपंच को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
कहते हैं कि बच्चों की ज़िद के आगे माता-पिता को झुकना ही पड़ता है। पाकिस्तान में एक लड़के ने अपने मां-बाप के सामने ऐसी शर्त रख दी कि अंतत: उन्हें घुटने टेकने ही पड़े।
बताया जा रहा है कि कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के मधुबन गांव के एक दंपति ने अपनी 13 वर्ष की नाबालिग बेटी की शादी एक 60 वर्षीय बुजुर्ग से जबरदस्ती करा दी है।
असम में बाल विवाह के खिलाफ 3 फरवरी को शुरू किए गए अभियान में सोमवार तक राज्य में कम से कम 2,441 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस अभियान के कारण असम की बराक घाटी में हैलाकांडी, कछार और करीमगंज जिलों में कई नाबालिग लड़कियों की कई शादियां रद्द करनी पड़ी हैं।
लड़की की शादी जुलाई 2022 में लड़की की परिवार व अन्य रिश्तेदारों द्वारा की गई थी। इस बात की जानकारी तब हुई जब लड़की गर्भवती हो गई। पुलिस ने कन्नन देवन कंपनी के चेक्किनाड एस्टेट के ग्राहम लैंड डिवीजन के मणिमारन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा था कि राज्य पुलिस द्वारा बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया गया अभियान 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा।
असम में बाल विवाह के खिलाफ सरकार का एक्शन जारी है. अबतक 2200 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, तो 3500 से ज्यादा लोगों को अभी अरेस्ट किया जाना है. इस बीच सरकार के इस एक्शन का विरोध भी शुरू हो गया है.
Assam में BJP की सरकार एक्शन मोड में है. सीएम Himanta Biswa Sarma बाल-विवाह के खिलाफ कार्रवाई किया है.
बालिका वधू बनने से बची 15 वर्षीय लड़की से बातचीत के बाद उसे शहर के एक आश्रय स्थल भेजा गया है। लड़की के पिता के निधन के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी और तब से वह अपने मामा के एक मकान में अकेली रह रही थी।
समिति के 31 सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद सुष्मिता देव अकेली महिला हैं। इसके बारे में पूछे जाने पर देव ने कहा कि समिति में और महिला सांसद होतीं तो बेहतर होता। देव ने कहा, ‘‘काश समिति में और महिला सांसद होतीं, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी हितधारक समूहों की बात सुनी जाए।’’
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के ताजा आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं। ऐसे में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष किये जाने का केंद्र सरकार का फैसला झारखंड के लिए बेहद अहम है।
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही महिलाओं और लड़कियों का भविष्य गहरे अंधकार में चला गया है। अभी तक तो यहां लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का ही मुद्दा उठाया जा रहा था, मगर अब यहां से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है।
भारत की सर्वोच्च बाल अधिकार संस्था NCPCR ने शनिवार को कहा कि वह बाल विवाह सहित विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण पर राजस्थान विधानसभा द्वारा पारित संशोधनों की जांच करेगा और बच्चों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि किशोरियों में गर्भधारण सरकार के लिए चिंता का विषय है।
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में रविवार को प्रशासन के वक्त रहते हरकत में आने से 14 साल की लड़की बालिका वधू बनने से बच गई...
बचपन में ब्याही गई लड़की के ससुराल वाले कथित तौर पर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे। पिंटूदेवी ने जब तलाक मांगा तो उन लोगों ने उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत करा देने की धमकी दी।
बिहार में 'विकास समीक्षा यात्रा' पर निकले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस यात्रा के दौरान शनिवार को दरभंगा पहुंचे। यहां उन्होंने बिरौल प्रखंड के कमलपुर गांव का भ्रमण किया और विकास योजनाओं को देखा।
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