Friday, April 26, 2024
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भारत चीन के बीच अब सब कुछ ठीक हो जाएगा? होने जा रहा यह काम

भारत और चीन लद्दाख में जारी विवाद को सुलझाने की कोशिशे लगातार बातचीत के जरिए कर रहे है। इस दिशा में अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच रूस में बैठक के दौरान बातचीत हो सकती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 09, 2020 18:57 IST
Foreign ministers of Russia, India, China to meet in Moscow: Chinese foreign ministry- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Foreign ministers of Russia, India, China to meet in Moscow: Chinese foreign ministry

बीजिंग: भारत और चीन लद्दाख में जारी विवाद को सुलझाने की कोशिशे लगातार बातचीत के जरिए कर रहे है। इस दिशा में अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच रूस में बैठक के दौरान बातचीत हो सकती है। रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग दोपहर भोज के दौरान एक बैठक करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं। भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं। 

रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी एससीओ के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और आरआईसी विदेश मंत्रियों की दोपहर भोज पर एक बैठक में शामिल होंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। 

आरआईसी ढांचा के तहत तीनों देश के विदेश मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अपने हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिये समय-समय पर बैठक करेंगे। हालांकि, झाओ ने कहा कि वह आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक के समय से अवगत नहीं हैं। एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था। भारत और पाकिस्तान 2005 में पर्यवेक्षक राष्ट्र के तौर पर इसमें शामिल किये गये थे। दोनों देशों को 2017 में संगठन का पूर्ण सदस्य बनाया गया।

रूस को उम्मीद, भारत-चीन बातचीत के जरिये हल कर लेंगे सीमा विवाद

रूस ने उम्मीद जतायी है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे। साथ ही उसने दोनों देशों की रजामंदी के बिना मध्यस्थता कराने की बात से भी इनकार कर दिया। भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बबुश्किन ने कहा कि उनकी सरकार बातचीत के जरिये पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होते देखना चाहती है। 

बबुश्किन ने पत्रकारों के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, ''हमें उम्मीद है कि भारत और चीन बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझा लेंगे।'' उन्होंने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा झड़प के बाद बढ़े तनाव के एक दिन बाद की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिये मंगलवार को चार दिवसीय रूस दौरे पर गए हैं। 

इस दौरान वह बृहस्पतिवार को बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात होगी। बबुश्किन ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में रूस द्वारा मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि जब तक दोनों देश नहीं चाहते तब तक ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ''हम दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान की प्रक्रिया में शामिल नहीं है। हम इसके लिये सकारात्मक माहौल बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।''

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