Friday, March 29, 2024
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गिलगित-बलतिस्तान में चुनाव के नाम पर हुई धांधली, बिलावल भुट्टो का आरोप

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने गिलगित-बलतिस्तान विधानसभा की ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 16, 2020 16:03 IST
Gilgit Baltistan- India TV Hindi
Image Source : FILE Gilgit Baltistan

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने गिलगित-बलतिस्तान विधानसभा की ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की है। इसके साथ ही एक बार फिर केंद्र की ही पार्टी की यहां जीत की परंपरा बरकरार रही। भारत ने गिलगित बलतिस्तान में चुनाव आयोजित करने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सैन्य कब्जे वाले इस क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिए उठाए गए कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है। इस बीच प्रमुख विपक्ष नेता बिलावल भुट्टो ने चुनाव में धांधली के आरोपल लगाए हैं। भुट्टो के अनुसार चुनाव में उनके वोट चुराए गए हैं। वे जल्द ही गिलगित बलतिस्तान की जनता के साथ विरोध में शामिल होंगे। 

आतंकवादी खतरे के बीच कड़ी सुरक्षा में रविवार को 23 सीटों के लिए मतदान हुआ था। यहां तीसरी बार विधानसभा के चुनाव कराया गया है। विभिन्न मीडिया समूहों की ओर से अनाधिकृत परिणामों में यह बताया गया है कि पीटीआई ने कम से कम आठ से नौ सीटों पर जीत हासिल की है लेकिन अब भी सरकार के गठन के लिए उसके पास बहुमत नहीं है। वह सरकार बनाने की स्थिति में है क्योंकि यहां से 6-7 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है। 

'जियो टीवी' की खबर के मुताबिक पीटीआई को आठ सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि छह सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को पांच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को दो सीटों पर, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल और मजलिस वहदतुल मुस्लिलमिन (एमडब्ल्यूएम) को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई है। वहीं 'दुनिया टीवी' की खबर के मुताबिक पीटीआई को नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि निर्दलीय उम्मीदवार को सात सीट पर और पीपीपी को चार, पीएमएल-एन को दो तथा एमडब्ल्यूएम को एक सीट पर जीत हासिल हुई। आधिकारिक परिणाम अब भी जारी नहीं किया गया और अंतिम परिणाम बताने में चुनाव अधिकारी थोड़ा समय ले सकते हैं। 

चुनाव अधिकारियों ने बताया कि चार महिलाएं समेत कुल 330 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। यहां किसी की भी जीत हो लेकिन ऐसी संभावना है कि नई सरकार के गठन के बाद इस क्षेत्र के दर्जे में बदलाव की घोषणा की जाएगी। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने इस्लामाबाद को 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने और क्षेत्र में आम चुनाव आयोजित करने की अनुमति दी थी। 2018 के आदेश के अनुसार गिलगित-बलतिस्तान में प्रशासनिक बदलाव मुहैया कराया गया था और इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यहां के विषयों में नियम बनाने को अधिकृत किया गया। 

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए नई दिल्ली में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को आपत्तिपत्र जारी किया था। भारत ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को बताया था कि केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र-शासित प्रदेश लद्दाख तथा गिलगित-बलतिस्तान का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है।

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