Friday, April 26, 2024
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चीन के बीआरआई को लेकर भारत की असहमति से एससीओ को कोई खतरा नहीं: महासचिव नोरोव

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने कहा है कि एससीओ में चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) का समर्थन नहीं करने संबंधी भारत के फैसले से इस संगठन को कोई खतरा नहीं है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 22, 2020 18:15 IST
 Secretary-General Vladimir Norov- India TV Hindi
Image Source : TWITTER  Secretary-General Vladimir Norov

बीजिंग: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने कहा है कि एससीओ में चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) का समर्थन नहीं करने संबंधी भारत के फैसले से इस संगठन को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसका ढांचा लोकतांत्रिक है जो सदस्य देशों को अन्य द्वारा समर्थित परियोजनाओं से बाहर निकलने की अनुमति देता है। बीजिंग स्थित एससीओ के सदस्य देशों की संख्या आठ हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में शामिल हुए थे। इसके अन्य सदस्यों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान हैं। 

नोरोव ने साक्षात्कार में समूह में भारत की भूमिका से संबंधित मुद्दों पर बात की जिनमें आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त सहयोग सहित आर्थिक और सुरक्षा से संबंधित मुद्दे शामिल थे। भारत ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इस महत्वाकांक्षी बीआरआई परियोजना को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। नोरोव से जब पूछा गया कि बीआरआई पर वह भारत के रूख और अन्य सदस्यों के बीच खुद को किस भूमिका में देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि एससीओ में निर्णय लेते समय, सदस्य देश सर्वसम्मति के सिद्धांत का ध्यान रखते हैं। यही सिद्धांत राजनीतिक दस्तावेजों के अनुमोदन पर भी लागू होता है। 

उन्होंने कहा, "उसी समय, ऐसे उदाहरण हैं, जब ऐसे मामलों में जब कोई देश कुछ निश्चित सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में रुचि नहीं रखता है जो अन्य सदस्य देशों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उक्त सदस्य देशों की गैर-भागीदारी उक्त सदस्य देशों को इस तरह की सहयोग परियोजनाओं को लागू करने से नहीं रोकती है, और साथ ही, उक्त सदस्य देशों को ऐसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आगे आने से नहीं रोकती है।’’ 

नोरोव ने कहा, ‘‘भारत आर्थिक गतिविधि के पूर्ण विस्तार के लिए एक वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो एससीओ सदस्य देशों के लिए प्राथमिकता है।’’ आतंकवाद-रोधी मुद्दों पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं बताना चाहता हूं कि भारत क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बने आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए एससीओ के दृष्टिकोण को पूरी तरह से साझा करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एससीओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस स्थिति से पूरी तरह सहमत है कि एससीओ क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए एक एकजुट, शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध अफगानिस्तान एक महत्वपूर्ण कारक है।’’

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