Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बोले- संविधान को क्या देखा, हमें भारत, सीआईए का एजेंट बना दिया गया

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बोले- संविधान को क्या देखा, हमें भारत, सीआईए का एजेंट बना दिया गया

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों को जिस पीड़ा से गुजरना पड़ा, उसका उल्लेख प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में किया।

Reported by: IANS
Published : November 29, 2019 19:46 IST
संविधान को क्या देखा,...- India TV Hindi
संविधान को क्या देखा, हमें भारत, सीआईए का एजेंट बना दिया गया: पाकिस्तानी प्रधान न्यायाधीश

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों को जिस पीड़ा से गुजरना पड़ा, उसका उल्लेख प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में किया। न्यायमूर्ति खोसा ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में उनके नेतृत्व वाली पीठ ने संविधान और कानून के प्रावधानों की बारीकी से पड़ताल का अपना काम किया। लेकिन, इसके लिए लोगों ने न्यायाधीशों के खिलाफ प्रोपेगेंडा शुरू कर दिया और उन्हें भारत व सीआईए (अमेरिकी खुफिया संस्था) का एजेंट करार दे दिया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के बारे में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति खोसा ने अपनी टिप्पणी में कहा, "यह कह दिया गया तीनों जज सीआईए के एजेंट हैं। लोग इतने ही पर नहीं माने बल्कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि तीनों जज भारत के इशारे पर काम कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि इन जजों को भारत के टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है।"

न्यायमूर्ति खोसा ने जब इस प्रोपेगेंडे के बारे में पूछा तो कहा गया कि यह 'फिफ्थ जेनरेशन वॉर' है। इस पर उन्होंने पूछा कि यह फिफ्थ जेनरेशन वॉर होती क्या है। जवाब में अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने कहा, "सोशल मीडिया..इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। हमारे इस विवाद से भारत को एक हद तक फायदा हुआ है।" इस पर न्यायमूर्ति खोसा ने अटॉर्नी जनरल से कहा, "तो क्या हमारे पास सवाल पूछने का अधिकार नहीं है?"

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जनरल बाजवा के सेवा विस्तार को छह महीने तक के लिए अनुमति दी। अदालत ने कहा कि इस छह महीने के बीच सेना प्रमुख के सेवा विस्तार से जुड़े मुद्दों पर संसद कानून बनाए और उस कानून के हिसाब से आगे की कार्रवाई हो। अगर ऐसा कोई कानून नहीं बना तो जनरल बाजवा की नियुक्ति छह महीने बाद खत्म हो जाएगी। उनके सेवा विस्तार के लिए जारी अधिसूचना केवल छह महीने के लिए वैध है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement