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पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में एक और 'भुट्टो' की एंट्री, पिता की छोड़ी सीट पर खड़ी होगी आसिफा जरदारी

पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में एक और भुट्टो की एंट्री हो गई है। आसिफा जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की छोटी बेटी हैं। उन्होंने अपनी पिता की छोड़ी सीट से नामांकन पत्र भरा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Mar 19, 2024 16:28 IST, Updated : Mar 19, 2024 16:28 IST
पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में एक और 'भुट्टो' की एंट्री- India TV Hindi
Image Source : FILE पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में एक और 'भुट्टो' की एंट्री

Pakistan News: पाकिस्तान की राजनीति में भुट्टो परिवार का खासा दखल रहा है। पिता आसिफ अली जरदारी दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं। आसिफ जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो भी पिछली शहबाज सरकार में विदेश मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं। वहीं बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो और नाना जुल्फिकार अली भुट्टो भी प्रधानमंत्री रह चुके थे। इसी बीच भुट्टो परिवार के एक और सदस्य ने पाकिस्तान की राजनीति में एंट्री ले ली है। ये हैं आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी।

जानकारी के अनुसार आसिफा अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की छोटी बेटी हैं। उन्होंने सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है। उन्होंने अपनी पिता की छोड़ी सीट से नॉमिनेशन पत्र दाखिल किया है। आसिफा  31 साल की हैं और हाल कि समय में राजनीति में काफी सक्रिय हैं। हालांकि फिर भी इससे पहले उनके पिता आसिफ जरदारी ने उन्हें अब तक संसदीय राजनीति से अलग रखा था।

आसिफा ने सिंध प्रांत से फाइल किया नॉमिनेशन

आसिफा ने रविवार को सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले के एनए 207 निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। दरअसल आसिफ ने यहां से चुनाव जीता था, लेकिन चूंकि वे राष्ट्रपति बन गए, इसलिए यह सीट खाली कर दी गई। यही कारण है कि अब इस सीट पर उनकी छोटी बेटी ​आसिफा को नामांकन पत्र भरवाया गया है। आसिफा अली जरदारी की शक्ल उनकी मां बेनजीर भुट्टो से काफी मिलती है। बेनजीर की मौत 2007 में रावलपिंडी में चुनावी जनसभा में हमले में दौरान हो गई थी। 

आसिफा की जीत लगभग तय

इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जरदारी के साथ आसिफा भुट्टो जरदारी भी थी, जिसे प्रथम महिला या फर्स्ट लेडी नामित किया गया। दरअसल, यह दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को दिया जाता है, लेकिन अपनी पत्नी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के 2007 में मौत होने के बाद से ही आसिफ अली जरदारी विधुर हैं। उपचुनाव 21 अप्रैल को होगा। इसमें आसिफा का जीतना लगभग तय है। 

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