Sunday, May 05, 2024
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कोरोना की मार के बावजूद बाज नहीं आ रहा चीन, 24 घंटे के भीतर ताइवान भेजे 71 युद्धक विमान और 7 जहाज

China Taiwan Conflict: ताइवान ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि यह स्वशासित द्वीप के प्रति अमेरिका के समर्थन को प्रदर्शित करता है।

Shilpa Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 26, 2022 14:38 IST
चीन ने ताइवान की तरफ भेजे युद्धक विमान और जहाज- India TV Hindi
Image Source : AP चीन ने ताइवान की तरफ भेजे युद्धक विमान और जहाज

कोरोना वायरस से कराहने के बावजूद भी चीन अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने महज 24 घंटे के भीतर ताइवान की तरफ 71 युद्ध विमान और 7 जहाज भेजे हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि चीन की सेना ने 24 घंटे तक शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान की ओर 71 युद्धक विमान और सात जहाज भेजे हैं। अमेरिका के शनिवार को ताइवान से संबंधित अमेरिकी वार्षिक रक्षा व्यय विधेयक पारित करने के बाद चीन ने यह कार्रवाई की। चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में इसे एक गंभीर राजनीतिक उकसावा करार देते हुए कहा था कि यह चीन के आंतरिक मामलों में खुलेआम हस्तक्षेप है। 

वहीं ताइवान ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि यह स्वशासित द्वीप के प्रति अमेरिका के समर्थन को प्रदर्शित करता है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रविवार सुबह छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे के बीच ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में चीन के 47 विमान गुजरे। यह एक अनौपचारिक सीमा है, जिसे दोनों पक्षों ने मौन रूप से स्वीकार किया है। चीन ने ताइवान की ओर जो विमान भेजे उसमें, 18 जे-16 लड़ाकू विमान, 11 जे-1 लड़ाकू विमान, छह एसयू-30 लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल हैं। 

चीन की हरकतों पर नजर रख रहा ताइवान

ताइवान ने कहा कि अपनी भूमि आधारित मिसाइल प्रणालियों के साथ-साथ अपने नौसैनिक पोतों के माध्यम से वह चीनी कार्रवाई पर नजर रख रहा है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ईस्टर्न थिएटर कमान के प्रवक्ता शी यी ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह अमेरिका-ताइवान के उकसावे का जवाब है।’’ उन्होंने कहा कि पीएलए ताइवान के आसपास के जल क्षेत्र में संयुक्त गश्त कर रहा है और संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहा था। 

अमेरिकी विधेयक को शी ने बताया चुनौती

शी अमेरिकी रक्षा व्यय विधेयक का जिक्र कर रहे थे, जिसे चीन ने रणनीतिक चुनौती बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 858 अरब डॉलर के रक्षा विधेयक पर शुक्रवार को हस्ताक्षर कर उसे कानून का रूप दे दिया था। इसमें मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने और चीन एवं रूस के प्रति देश की सैन्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए सांसदों से किए बाइडेन के वादे से 45 अरब डॉलर अधिक शामिल हैं। 

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