Friday, April 19, 2024
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नया "Energy किंग" बनने की राह पर भारत, अमेरिका के बाद अब सऊदी अरब भी हुआ मुरीद

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया पर गहराते ऊर्जा संकट के बीच भारत नया "एनर्जी किंग" बनने की राह पर अग्रसर है। यूक्रेन पर हमला करने के चलते पश्चिमी देशों की ओर से रूप पर लगाए गए प्रतिबंधों ने यूरोप समेत पूरी दुनिया में ऊर्जा का नया संकट पैदा कर दिया है। तेल और गैस की महंगाई से दुनिया के तमाम देश त्रस्त हो रहे हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: February 20, 2023 22:05 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया पर गहराते ऊर्जा संकट के बीच भारत नया "एनर्जी किंग" बनने की राह पर अग्रसर है। यूक्रेन पर हमला करने के चलते पश्चिमी देशों की ओर से रूप पर लगाए गए प्रतिबंधों ने यूरोप समेत पूरी दुनिया में ऊर्जा का नया संकट पैदा कर दिया है। तेल और गैस की महंगाई से दुनिया के तमाम देश त्रस्त हो रहे हैं। वहीं भारत इस वैश्विक संकट के बीच ऊर्जा के नए-नए तरीके ईजाद करके दुनिया को लुभा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने ग्रीन हाईड्रोजन, सोलर एनर्जी जैसे नवीन ऊर्जा क्षेत्रों में अच्छी खासी प्रगति की है। परमाणु ऊर्जा की दिशा में भी भारत ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। लिहाजा भारत दुनिया में ऊर्जा का नया किंग बनता जा रहा है। इसीलिए अब दुनिया के बड़े-बड़े देश भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को इच्छुक हो रहे हैं। अमेरिका के बाद अब सऊदी अरब ने भी भारत के साथ ऊर्जा साझेदारी में सहभागिता की प्रबल इच्छा जाहिर की है।

रियाद में 2 दिवसीय सऊदी मीडिया फोरम के दौरान वहां के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने कहा कि भारत के साथ नजदीकी सहयोग से मिलकर करने के लिए सऊदी अरब के पास एनर्जी सेक्टर में बहुत सी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की ऐसी तमाम योजनाओं को जल्द ही अमल में लाया जाएगा। प्रिंस सलमान का यह वक्तव्य ऐसे समय में सामने आया है, जब वह करीब 4 माह पहले अक्टूबर में भारत की यात्रा पर थे। उस दौरान वह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी के अधिकारियों के साथ समझौते पर बात की थी। इस दौरान प्रिंस अब्दुलअजीज भारत के वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिजली मंत्री राजकुमार समेत कई व्यवसायियों से भी मिले थे।

गुजरात को मध्य एशिया का सबसे बड़ा रिन्यूअल एनर्जी ग्रिड बनाने की पहल

सऊदी और भारत के बीच इस दौरान गुजरात तट को मध्य एशिया का सबसे बड़ा रिन्यूअल एनर्जी ग्रिड बनाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए गहराई में समुद्री केबल बिछाए जाने की भी योजना है। भारत और सऊदी अरब जल्द ही अब इस योजना को मूर्त रूप देने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यह परियोजना सिर्फ भारत और सऊदी अरब ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य एशिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी। भारत में सऊदी अरब के तत्कालीन राजदूत सलेह-बिन-ईद अल हुसैनी ने दोनों देशों के बीच अपने कार्यकाल में रिश्तों को और अधिक मजबूत करने के इरादे से यह पहल की थी।

दोनों देशों के बीच की साझेदारी उस वक्त नई ऊंचाई पर पहुंच गई , जब फरवरी 2019 में क्राउन प्रिंस मो. बिन सलमान नई दिल्ली आए और उसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2019 में सऊदी अरब का दौरा किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिली। इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर में भारत और सऊदी अरब को सबसे अहम साझेदार करार दिया था।

असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते को आगे बढ़ाना चाहता है अमेरिका
दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए सऊदी अरब की तरह अमेरिका भी भारत के साथ ऊर्जा साझेदारी को नया मुकाम देना चाहता है। बाइडन प्रशासन वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते को फिर से आगे बढ़ाना चाहता है, जो विभिन्न पेचीदगियों से आगे नहीं बढ़ सका था। भारत और अमेरिका दोनों ही देश अब ऊर्जा की जरूरतों को समझते हुए नवीन संसोधनों के साथ इस असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते पर आगे बढ़ना चाहते हैं। ताकि भारत और अमेरिका के साथ दुनिया के अन्य देशों की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। वैश्विक ऊर्जा संकट के बीच दुनिया के ताकतवर देशों को सिर्फ भारत में ही ऐसी सामर्थ्य दिख रही है, जो विश्व को ऊर्जा संकट से उबारने में मददगार साबित हो सकता है।

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