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India-Russia News: रूस ने अपने दोस्त भारत के लिए बनाया नया रूट, 3800 किमी दूर माल लेकर ईरान भेजी ट्रेन, जानिए फायदा

India-Russia News: रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारत ने दुनियाभर के तमाम डिप्लोमेटिक प्रेशर के बावजूद तटस्थता दिखाकर रूस से अपनी दोस्ती को साबित किया है। अब रूस भी भारत को तेल देने से लेकर नए रूट तक बना रहा है, ताकि भारत को लाभ पहुंच सके।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jul 14, 2022 08:13 am IST, Updated : Jul 14, 2022 08:13 am IST
PM Modi and Russian President Putin- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO PM Modi and Russian President Putin

Highlights

  • रूस की ट्रेन भारत के लिए माल लेकर ईरान पहुंची है, जहां से माल भारत लाया जा सकेगा
  • ट्रेन ने कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए 3,800 किलोमीटर का सफर तय किया
  • आईएनएसटीसी एक 7,200 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी परिवहन परियोजना है

India-Russia News: रूस भारत का परंपरागत मित्र रहा है। दोनों की दोस्ती कई दशकों पुरानी है। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारत ने दुनियाभर के तमाम डिप्लोमेटिक प्रेशर के बावजूद तटस्थता दिखाकर रूस से अपनी दोस्ती को साबित किया है। ऐसे में अब रूस भी अपने दोस्त भारत को तेल देने से लेकर नए रूट तक बना रहा है, ताकि भारत को लाभ पहुंच सके। रूस ने भारत के लिए नया कारोबारी रूट बनाया है, जिस पर पहली बार रूस की ट्रेन भारत के लिए माल लेकर ईरान पहुंची है, जहां से समुद्री रास्ते द्वारा आसानी से माल भारत लाया जा सकेगा।

महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) का उपयोग करके पहली बार रूस की ट्रेन अपने दोस्‍त भारत के लिए माल लेकर ईरान पहुंच गई है। इस दौरान ट्रेन ने कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए करीब 3,800 किलोमीटर का सफर तय किया है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 39 विशेष कंटेनरों के साथ ट्रेन ने तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर सरखास स्टेशन के ​जरिए ईरान में प्रवेश किया। 

क्या हैआईएनएसटीसी परियोजना?

आईएनएसटीसी एक 7,200 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी परिवहन परियोजना है। इससे  भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के लिए रूस द्वारा आसानी से माल भेजा जा सकता है। भारत को भी इस परियोजना से अच्छा लाभ होगा। इसलिए भारत भी इस परियोजना का हमेशा से समर्थन् करता रहा है। जानकारी के मुताबिक सरखास रेलवे स्टेशन से भारत के लिए भेजे गए माल की खेप को करीब 1600 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग का उपयोग करते हुए दक्षिण ईरान में बंदर अब्बास नाम के पोर्ट ले जाया जाएगा। जहां से इसे समुद्री मार्ग से भारत भेजा जाएगा।

ट्रेन के स्वागत में ईरान ने रखा समारोह

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान ने बाकायदा इस ट्रेन का स्वागत करने के लिए समारोह भी रखा। इसमें ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर के साथ विभिन्न मंत्रालयों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया। यह ट्रेन 6 जुलाई को रूस के चेखव स्टेशन से ईरान के लिए निकली थी।

अगले सप्ताह ईरान जा सकते हैं पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ईरान की यात्रा कर सकते हैं और उनकी बातचीत में क्षेत्र में संपर्क और मजबूत करने का विषय भी आ सकता है। भारत भी क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने पर जोर दे रहा है। ​ईरान भारत का पारंपरिक मित्र रहा है। ईरान और भारत मिलकर चाबहार बंदरगाह को विकसित कर रहे हैं।

ईरान में भारत ने बनाया चाबहार बंदरगाह

भारत ने चाबहार बंदरगाह में अच्छा खासा इनवेस्ट किया है। भारत की मंशा यही है कि इस बंदरगाह के माध्यम से मध्य एशिया के साथ अच्छा कारोबार हो सके। साथ ही पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को, जो कि चीन के सपोर्ट से विकसित किया जा रहा है, उसकी तोड़ चाबहार बन सके। इसी बीच भारत ने इस बंदरगाह को आईएनएसटीसी के दायरे में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा है। 

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