
नई दिल्ली: दुनिया के सभी देशों की सेनाएं अन्य देशों के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करती रहती हैं। इसी क्रम में भारत की सेना भी अन्य देशों के साथ सैन्य अभ्यास करती है। इस बीच भारत आर्मी के जवान एक ऐसे देश की सेना के साथ सैन्य अभ्यास करने जा रहे हैं जिससे चीन को मिर्ची लगना तय है। भारतीय सेना की एक टीम बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को मंगोलिया पहुंची है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
भारतीय सेना की टीम पहुंची मंगोलिया
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय सेना के इस दल में 40 जवान शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के जवान हैं। खान क्वेस्ट नाम के अभ्यास के लिए भारतीय दल उलानबटार पहुंचा है। मंगोलिया पहुंचे भारतीय दल में महिला सैन्यकर्मी भी शामिल हैं।
खान क्वेस्ट के बारे में जानें
खान क्वेस्ट एक बहुपक्षीय शांति सैन्य अभ्यास (Multinational Peacekeeping Exercise) है जो हर वर्ष मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास मंगोलिया की सेना (Mongolian Armed Forces) और अमेरिका की इंडो-पैसिफिक कमांड (USINDOPACOM) के सहयोग से आयोजित किया जाता है। भारत भी इस अभ्यास में भाग लेने वाले प्रमुख देशों में से एक है।
अभ्यास का उद्देश्य
खान क्वेस्ट अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों के लिए भाग लेने वाले देशों की सेनाओं को प्रशिक्षण देना और उन्हें आपसी समन्वय, संचालन और सहयोग में बेहतर बनाना है। यह अभ्यास सैनिकों को वैश्विक शांति स्थापना और मानवीय सहायता अभियानों के लिए तैयार करता है। मंगोलिया में इस बार यह 14 से 28 जून तक आयोजित होने जा रहा है।
भारत की भागीदारी
भारत हर साल खान क्वेस्ट अभ्यास में अपने सैनिक भेजता है। भारतीय सेना की भागीदारी दर्शाती है कि भारत वैश्विक शांति स्थापना और बहुपक्षीय सैन्य सहयोग को कितना महत्व देता है। यह अभ्यास भारतीय सेना को विभिन्न देशों की सेनाओं के साथ मिलकर काम करने और अंतरराष्ट्रीय सैन्य मानकों को अपनाने का अवसर देता है।
यह भी जानें
सैन्य अभ्यास खान क्वेस्ट का पिछला संस्करण मंगोलिया में 27 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक आयोजित किया गया था। 2024 में भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स यूनिट ने इस अभ्यास में भाग लिया था। यह अभ्यास पहली बार 2003 में अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय आयोजन के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद, 2006 से यह अभ्यास एक बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना अभ्यास में तब्दील हो गया और मौजूदा वर्ष इसका 22वां संस्करण है। (भाषा)
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