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पाकिस्तान सरकार ने संसद में पेश नहीं किया विवादास्पद संविधान संशोधन विधेयक, जानें किस वजह से पीछे हटाए कदम

पाकिस्तान में संविधान संशोधन विधेयक एक बार फिर संसद में पेश नहीं किया जा सका। सरकार में सहयोगी मौलाना फजलुर रहमान के राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का समर्थन ना मिलने से नवाज सरकार को बिल पेश करने से पीछे हटना पड़ा।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Sep 16, 2024 19:01 IST, Updated : Sep 16, 2024 19:01 IST
Shehbaz Sharif - India TV Hindi
Image Source : FILE AP Shehbaz Sharif

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की गठबंधन सरकार ने सोमवार को एक बार फिर संसद में विवादास्पद संविधान संशोधन विधेयक को पेश नहीं किया। ऐसा स्पष्ट तौर पर इसे पारित कराने के लिए आवश्यक संख्या बल की कमी के कारण हुआ। संशोधनों का विवरण अभी भी रहस्य बना हुआ है, क्योंकि सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसे मीडिया के साथ साझा नहीं किया है या सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की है। अब तक जो रिपोर्ट मिली है, उससे पता चलता है कि सरकार न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने और उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल तय करने की योजना बना रही है। 

जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा विधेयक

सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने मीडिया को बताया कि संशोधन विधेयक सोमवार को संसद में पेश नहीं किया जाएगा। सिद्दीकी ने जियो न्यूज से कहा कि सोमवार को दोनों सदनों का सत्र ‘‘स्थगित’’ रहेगा और ‘‘अगली बार यह तब बुलाया जाएगा, जब हम संवैधानिक संशोधन पेश करने के लिए सभी पहलुओं से तैयार होंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में महीनों तक देरी हो सकती है, पीएमएल-एन सीनेटर ने कहा कि विधेयक एक या दो सप्ताह के भीतर पेश किए जाने की संभावना है। सीनेटर  ने कहा, ‘‘हमारी इच्छा थी कि यह विधेयक दो दिन के भीतर पारित हो जाए।’’ 

इस वजह से सरकार ने पीछे हटाए कदम

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान का समर्थन पाने के प्रयास विफल होने के बाद सरकार को संसद में संशोधन विधेयक पेश करने के कदम को टालने पर मजबूर होना पड़ा। संशोधन पारित करने के लिए सरकार को नेशनल असेंबली में 224 और सीनेट में 64 वोट की आवश्यकता है। नेशनल असेंबली में गठबंधन का संख्याबल 213 और सीनेट में 52 है। नेशनल असेंबली के आठ सदस्यों और पांच सीनेटरों के साथ जेयूआई-एफ प्रमुख भूमिका निभाने की स्थिति में है। (भाषा)

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