Friday, April 19, 2024
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SCO Summit 2022: पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की, कहा- हमारी दशकों पुरानी दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ

SCO Summit 2022: समरकंद में चल रहे SCO समिट में मोदी और पुतिन की द्विपक्षीय चर्चा हुई। चर्चा के बाद पुतिन ने मोदी को रूस आने का न्यौता दिया और अगले साल बैठक की अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी।

Pankaj Yadav Written By: Pankaj Yadav
Updated on: September 17, 2022 6:20 IST
PM Modi meets Russian President Putin- India TV Hindi
PM Modi meets Russian President Putin

Highlights

  • उज्बेकिस्तान के समरकंद में मोदी और पुतिन की हुई मुलाकात
  • मोदी ने युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में मदद के लिए धन्यवाद दिया
  • पीएम मोदी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रूस आने का न्यौता दिया

SCO Summit 2022: उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में चल रहे SCO समिट में शुक्रवार को पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने पुतिन से कई विषयों पर चर्चा की। दोनों नेताओं की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थी। चर्चा काफी सकारात्मक रूप से हुई। दोनों ने रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए संकट के मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस साल फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए अब तक रूस की आलोचना नहीं की है। भारत बातचीत के जरिए संकट के समाधान पर जोर दे रहा है। चर्चा के बाद पुतिन ने मोदी को रूस आने का निमंत्रण भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य में रूस-भारत के रिश्ते और अधिक मजबूत होने की उम्मीद जताई। इससे पहले शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में पुतिन को यूक्रेन पर बड़ा संदेश दे दिया था। 

रूस-यूक्रेन युद्ध पर जताई चिंता

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर चिंता जताते हुए कहा कि इस युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में संकट के हालात पैदा हो गए हैं। हमने इससे पहले भी इस मुद्दे पर कई बार चर्चा की है। यूक्रेन संकट की वजह से दुनिया में सप्‍लाई चेन में कई बाधाएं आई हैं। कोरोना महामारी और यूक्रेन जंग की वजह से पूरा विश्व अभूतपूर्व खाद्य संकट का सामना कर रहा है। यही नहीं इससे ऊर्जा संकट पैदा हो गया है। पुतिन ने कहा कि युद्ध को लेकर मैं आपकी चिंताओं से वाकिफ हूं और मैं भी चाहता हूं कि यूक्रेन से युद्ध जल्द ही समाप्त हो जाए। आगे जो भी होगा हम इसकी जानकारी आपको देते रहेंगे।

पुतिन ने मोदी से कहा- एडवांस में हैप्पी बर्थडे विश नहीं करूंगा

पुतिन ने मोदी से कहा, 'उन्हें पता है कि भारतीय प्रधानमंत्री शुक्रवार को अपना जन्मदिन मनाएंगे, लेकिन यह रूसी परंपरा नहीं है कि पहले से ही जन्मदिन की बधाई दी जाए। इसलिए मैं आपको विश नहीं कर सकता है। मैं मित्र देश भारत को शुभकामनाएं देता हूं।' दरअसल, 17 सितंबर को मोदी का जन्मदिन है।

PM Modi meets Russian President Putin

Image Source : PTI
PM Modi meets Russian President Putin

दशकों पुरानी हमारी दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ

पुतिन ने कहा कि भारत और रूस मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को रूस आने का न्यौता दिया। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के संबंध मजबूत हुए हैं और दुनिया हमारी दोस्ती से अच्छी तरह परिचित है। हमारी दोस्ती 22 साल से लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है। हमें बातचीत से मुद्दों को सुलझाना चाहिए। इस बारे में कई बार पुतिन से फोन पर भी बातचीत हो चुकी है।

'छात्रों को बाहर निकालने में सहयोग के लिए आभारी'

बैठक में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के समय फंसे हुए भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करने के लिए रूस और यूक्रेन दोनों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि संकट में फंसे हमारे हजारों छात्र आप दोनों की मदद से ही बाहर निकल पाए। आज दुनिया के सामने कई बड़ी समस्याएं हैं, खासकर विकासशील देशों के सामने, जिनमें खाद्य सुरक्षा, ईंधन सुरक्षा और उर्वरक शामिल हैं और हमें इनसे निपटने के लिए रास्ते निकालने होंगे। पुतिन ने अगले साल एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए भारत को बधाई दी। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी एससीओ शिखर सम्मेलन 2023 के लिए भारत की अध्यक्षता का समर्थन किया।

भारत ने एक बार फिर से दुनिया को शांति का संदेश दिया

इस द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में शांति की स्थापना के लिए भारत ने हमेशा एकमत दिखाया है। रूस और भारत को शांति के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। चूंकि रूस ने भारत को सस्ते दरों पर तेल मुहैया कराने का वादा किया है इसलिए इन मुद्दों को लेकर वह पश्चिमी देशों की आंखों का नासूर बन गया है। अमेरिका लगातार चीन के घेराबंदी पर भारत का साथ देकर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है लेकिन इसके बदले वह भारत से रूस के खिलाफ खड़े होने को भी कह रहा है। वह चाहता है कि भारत रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर रूस का विरोध करे और रूस से सभी तरह के व्यापार बंद करे।

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