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जूलियन असांजे को बड़ी राहत, ब्रिटेन की अदालत ने अमेरिकी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की इजाजत दी

अप्रैल 2019 में अमेरिका ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे पर हैकिंग की साजिश रचने का आरोप लगाया था। 23 मई 2019 को अमेरिका की ग्रैंड ज्यूरी ने असांजे के खिलाफ जासूसी के 17 केस दर्ज किए हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 20, 2024 19:00 IST, Updated : May 20, 2024 19:02 IST
जूलियन असांजे, विकीलीक्स के संस्थापक।- India TV Hindi
Image Source : REUTERS जूलियन असांजे, विकीलीक्स के संस्थापक।

लंदनः  ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को व्यवस्था दी कि विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे जासूसी के आरोप में स्वयं को अमेरिका प्रत्यर्पित करने के आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों ने कहा कि असांजे के पास ब्रिटेन सरकार के प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देने का आधार है। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद असांजे के लिए अपील करने का रास्ता साफ हो गया है, जिसके चलते यह कानूनी लड़ाई वर्षों तक खिंच सकती है।

असांजे पर जासूसी के 17 आरोप और लगभग 15 साल पहले उनकी वेबसाइट पर अमेरिकी दस्तावेजों के प्रकाशन को लेकर कंप्यूटर के दुरुपयोग का एक आरोप है। असांजे ने सात साल तक लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण लेने के बाद पिछले पांच साल ब्रिटेन की जेल में बिताए हैं।

अमेरिका के खिलाफ है जासूसी का आरोप

जूलियन असांजे पर अमेरिका की जासूसी के आरोप हैं। असांजे 13 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका की ओर से ब्रिटिश कोर्ट में अर्जी भी डाली गई थी। अमेरिका ने ब्रिटिश कोर्ट को यह आश्वासन दिया है कि वे 52 साल के जूलियन असांजे को मौत की सजा नहीं देंगे। इसके अलावा अगर जासूसी के आरोपों में असांजे के खिलाफ मुकदमा चला, तो उन्हें 'US फर्स्ट अमेंडमेंट राइट' के तहत फ्री स्पीच का अधिकार दिया जाएगा। साल 2010-11 की बात है, जब विकिलीक्स के खुलासे के बाद अमेरिका ने आरोप लगाया था कि जूलियन असांजे ने उनके देश की जासूसी की है। उसने सीक्रेट फाइल को पब्लिश कर दिया, जिससे कई लोगों का जीवन खतरे में आ गया था, लेकिन असांजे ने हमेशा ही जासूसी के आरोपों से इनकार किया है।

2010 में हुए थे गिरफ्तार

जूलियन असांजे को 2010 में स्वीडन की अपील पर लंदन में गिरफ्तार किया गया था। उन पर स्वीडन की दो महिलाओं ने रेप का आरोप लगाया था। स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे ने 2012 में लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी, जिससे वो गिरफ्तारी से बच गए। वे यहां 2012 से 2019 के बीच इक्वाडोर में ही रहे। 11 अप्रैल 2019 को वे कोर्ट में पेश नहीं हो पाए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इक्वाडोर की सरकार ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय समझौतों के लगातार उल्लंघन करना बताया गया था। 2019 में इक्वाडोर की दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटेन की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से वह लंदन की बेल्मार्श जेल में बंद हैं। हालांकि, स्वीडन ने नवंबर 2019 में असांजे पर से रेप के आरोप वापस ले लिए थे, लेकिन इसके बावजूद वह जेल में ही रहे।   (एपी)

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