Saturday, April 27, 2024
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China and Britain: ब्रिटेन में चीन की इंटरनेशनल बेइज्जती, महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार पर भी अधिकारियों की नो एंट्री!

China and Britain: महारानी के अंतिम संस्कार में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल को संसद में रखे गए महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को देखने से मना कर दिया गया। अब ऐसी खबरें हैं कि सोमवार को वेस्‍टमिंस्‍टर एबे में होने वाले उनके अंतिम संस्‍कार में भी इन अधिकारियों को अंदर नहीं आने दिया जाएगा।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 18, 2022 12:04 IST
Queen Elizabeth News- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Queen Elizabeth News

Highlights

  • लौटाए जाएंगे चीनी अधिकारी!
  • ब्रिटिश पीएम ट्रस का सख्‍त रवैया
  • सोमवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार

China and Britain: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर चीन को इंटरनेशनल लेवल पर बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, महारानी के अंतिम संस्कार में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल को पिछले दिनों संसद में रखे गए महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को देखने से मना कर दिया गया। अब ऐसी खबरें हैं कि सोमवार को वेस्‍टमिंस्‍टर एबे में होने वाले उनके अंतिम संस्‍कार में भी इन अधिकारियों को अंदर नहीं आने दिया जाएगा। चीन की तरफ से उपराष्‍ट्रपति वांग किशान को भी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में जिनपिंग के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर भेजा गया है। इस पूरे मसले के बाद दुनिया के सामने आ गया है कि ब्रिटेन और चीन के रिश्‍ते किस हद तक तनावपूर्ण हो चुके हैं। 

मतभेद आए सामने

पिछले साल हाउस ऑफ कॉमन्‍स और लॉर्ड्स के स्‍पीकर ने चीन के राजदूत झेंग झेगुआंग को संसद में प्रतिबंधित कर दिया था। चीन ने ब्रिटेन के कई सांसदों को बैन कर दिया है। इसकी वजह हैं वो उइगर मुसलमान जो चीन के शिनजियांग में रहते हैं। ब्रिटिश सांसदों की मानें तो इन मुसलमानों के साथ गलत बर्ताव और मानवाधिकार उल्‍लंघनों को देखते हुए इन्‍हें एंट्री नहीं देनी चाहिए। हाउस ऑफ कॉमन्‍स की तरफ से इस प्रतिनिधिमंडल को वेस्‍टमिंस्‍टर एबे में एंट्री दी जाए या नहीं, इस पर विचार विमर्श जारी है। चीन और ब्रिटेन के अलावा इस नए घटनाक्रम ने संसद और यूके की सरकार के बीच भी मतभेदों को सामने लाकर रख दिया है। जहां संसद हमेशा से चीन पर सख्‍त रवैया अपनाती है तो सरकार का रुख लचीला रहता है।

लौटाए जाएंगे चीनी अधिकारी!

महारानी के अंतिम संस्कार के दौश्रान विदेश कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेट डिपार्टमेंट की ओर से पिछले हफ्ते ही निमंत्रण पत्र तैयार किए गए थे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी इसमें बुलाया गया था। लेकिन वे शामिल नहीं हो सकते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन के उपराष्ट्रपति को भेजा गया है। वांग ने बीजिंग में ब्रिटिश दूतावास में सरकार की ओर से शोक संदेश लिखा व एक मिनट का मौन धारण किया था। 

ब्रिटिश पीएम ट्रस का सख्‍त रवैया

यूके सरकार का रवैया, चीन की तरफ पिछले कुछ महीनों में काफी सख्‍त हुआ है। लिज ट्रस जो अब देश की प्रधानमंत्री बन गई हैं, उन्‍होंने भी इशारा कर दिया है कि चीन के खिलाफ उनकी नीति आसान नहीं होगी। उनके पूर्वाधिकारी बोरिस जॉनसन से उलट वह चीन के प्रति एक सख्‍त रवैया अपनाएंगी। ट्रस उइगर मुसलमानों के खिलाफ चीन के बर्ताव को नरसंहार करार देती हैं।

चीन से क्यों चिढ़ता रहा है ब्रिटेन

रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान चीन द्वारा रूस का सपोर्ट करने पर ब्रिटेन चीन से चिढ़ा हुआ है। इससे पहले अमेरिका के साथ चीन का तनाव किसी से छिपा नहीं है। अमेरिका और ब्रिटेन पारंपरिक रूप से करीबी हैं। ऐसे में ब्रिटेन को चीन नहीं सुहाता हैै। तीसरा कारण यह कि कभी ब्रिटेन ने दुनिया पर हुकूमत की। नए उभरते देश के रूप में चीन को देखना ब्रिटेन को रास नहीं आता है। सबसे बड़ी बात तो यह कि चीन ने अपनी नौसेना को काफी ताकतवर बना लिया है। चीन ने कई मौकों पर ब्रिटेन को धमकाया भी है। खासतौर पर अमेरिका की एशिया प्रशांत महासागर में होने वाली गतिविधियों पर चीन के अड़ियल रवैये पर ब्रिटेन ने विरोध जताया तो चीन ने ब्रिटेन को धमकाने वाले शब्द बोले। ताइवान के मसले पर भी ब्रिटेन चीन से चिढ़ता है। 

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