Wednesday, May 08, 2024
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यूक्रेन युद्ध मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मारी पलटी, अब रूस के पक्ष में कही ये बात

रूस-यूक्रेन युद्ध मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के नए रुख ने सबको हैरान कर दिया है। इस मामले में यूक्रेन ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि कीव में उसने अपने हमले को सही ठहराने के लिए उल्टे यूक्रेन पर नरसंहार का झूठा आरोप लगा दिया। मगर आइसीजे ने कहा कि वह इस पर फैसला नहीं देगा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: February 03, 2024 14:26 IST
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय- India TV Hindi
Image Source : AP अंतरराष्ट्रीय न्यायालय

द हेग (नीदरलैंड) : संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने रूस-यूक्रेन युद्ध मामले में पलटी पार दी है। बता दें कि यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में रूस के खिलाफ नागरिकों के नरसंहार का केस दायर किया था। मगर आइसीजे ने कहा कि वह इस पर फैसला नहीं दे सकता। इतना ही नहीं आइसीजे ने कहा कि वह रूस के खिलाफ नरसंहार के मामले पर फैसला देने के बजाय यह देखेगा कि यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन किया है या नहीं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के इस रुख से अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी हैरान रह गए हैं। 

आइसीजे ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन द्वारा यह घोषणा करने के अनुरोध पर फैसला देना उसके अधिकार क्षेत्र में है कि यूक्रेन नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन रूस के खिलाफ यूक्रेन के मामले के अन्य पहलुओं पर नहीं। दोनों देशों ने कई बार एक-दूसरे पर नरसंहार का आरोप लगाया है। रूस द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया गया था और इसके कुछ दिनों बाद ही यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीजे) में मामला दायर कर आरोप लगाया कि रूस ने हमले को सही ठहराने के लिए नरसंहार के झूठे दावों का इस्तेमाल किया, जिसने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा संघर्ष शुरू किया। लेकिन अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर फैसला नहीं दे सकती।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कही ये बात

कीव पर हमला करने के लिए यूक्रेन पर झूठे नरसंहार का दावा करने के रूस पर लगे आरोपों पर आइसीजे ने कहा कि इसके बजाय वह यह फैसला देगा कि क्या यूक्रेन ने संधि का उल्लंघन किया है, जैसा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आक्रमण को उचित ठहराने का दावा किया था। हालांकि अब भी कानूनी रूप से बाध्यकारी निर्णय आने में वर्षों का समय लग सकता है। अदालत के अध्यक्ष जोन ई.डोनोग्यू ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में, भले ही रूस ने दुर्भावना से आरोप लगाया हो कि यूक्रेन ने नरसंहार किया है और इस तरह के बहाने के तहत उसके खिलाफ कुछ कदम उठाए हैं, जैसा कि प्रतिवादी (यूक्रेन) का तर्क है, यह अपने आप में नरंसहार के खिलाफ संधि का उल्लंघन नहीं होगा।’ (एपी) 

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