Saturday, April 27, 2024
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Leicester Violence: ब्रिटेन के लीसेस्टर में भारी बवाल, मंदिर से हटाया भगवा झंडा, हिंदू-मुस्लिम दंगों में 47 लोग गिरफ्तार, क्या है पूरा मामला?

Leicester Violence: बयान में कहा गया है, 'हमारे बीच द्वेष बोने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हमारा संदेश साफ है- हम आपको कामयाब नहीं होने देंगे। हम सभी से मस्जिदों और मंदिरों समेत धार्मिक स्थलों की समान रूप से पवित्रता का सम्मान करने को कहते हैं।'

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: September 21, 2022 14:06 IST
UK Leicester Violence Hindu Muslims - India TV Hindi
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Highlights

  • लंदन के लीसेस्टर में हिंदू मुस्लिम हिंसा
  • अब तक 47 लोगों को किया गया गिरफ्तार
  • उपद्रवियों ने मंदिर से भगवा झंडा हटाया

Leicester Violence: ब्रिटेन के पूर्वी इंग्लैंड के शहर लीसेस्टर में दंगों के बाद हिंदू और मुसलमान समुदाय के नेताओं ने मंगलवार को एक साथ सद्भावना अपील की है। वहीं पुलिस ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। शहर के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युमन दास ने नगर की एक मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ एक बयान पढ़ा, जिसमें वीकेंड पर हुई हिंसा पर ‘दुख’ जताया गया है। समुदाय के नेताओं ने मांग की है कि 'घृणा भड़काने वाले' लीसेस्टर को छोड़ दें और उकसाने की कार्रवाई और हिंसा को तत्काल बंद किया जाए।

बयान में कहा गया है, 'हमारे बीच द्वेष बोने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए हमारा संदेश साफ है- हम आपको कामयाब नहीं होने देंगे। हम सभी से मस्जिदों और मंदिरों समेत धार्मिक स्थलों की समान रूप से पवित्रता का सम्मान करने को कहते हैं।' बयान के मुताबिक, उकसावे की हरकतें बंद की जाएं, चाहे वे तेज आवाज में संगीत बजाना हो, झंडे लगाना हो, अपमानजक नारे लगाना हो या हमले करना हो। उसमें कहा गया है, 'यह स्वीकार्य नहीं है, न ही हमारे धर्म यह कहते हैं।' बयान में कहा गया है, 'हम एक मजबूत परिवार हैं, जो भी चिंता है, उसे हल करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। हमें शहर में बाहर से आए लोगों की मदद की जरूरत नहीं है। लीसेस्टर में ऐसी विदेशी चरमपंथी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है, जो विभाजन पैदा करती हो।'

गश्त कर रहे हैं पुलिस बल

बयान में कहा गया है कि शहर में आधी सदी से हिंदू और मुसलमान मिलकर रहते आए हैं। ब्रिटेन की पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उपद्रव की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल गश्त कर रहे हैं। इससे पहले लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा की निंदा की थी और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी। लीसेस्टर पुलिस ने कहा कि 20 वर्षीय एक शख्स ने शहर में झड़प के दौरान हथियार रखने का गुनाह कबूल किया है, जिसके बाद उसे 10 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।

स्थानीय निवासी अमोस नोरोन्हा को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लीसेस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाए गए। लीसेस्टरशायर पुलिस के ‘टेम्परेरी चीफ कांस्टेबल’ रॉब निक्सन ने कहा कि यह कार्रवाई दिखाती है कि संगीन अपराध किया गया था और उसे जेल में रहना होगा। उन्होंने कहा, 'हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे।' निक्सन के मुताबिक, पुलिस बल तैनात हैं और सूचनाओं और रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है, साथ ही लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।

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आरोपियों को किया जा रहा गिरफ्तार

उन्होंने कहा, 'हम आपको सुरक्षित रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए काम कर रहे हैं। जिन्होंने हमारे समुदायों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें इंसाफ के दायरे में लाया जाएगा।' पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने के आखिर में एशिया कप के तहत दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंदू-मुस्लिम समूहों में झड़प हो गई थी। पुलिस ने इसे ‘गंभीर उपद्रव’ बताया है। पुलिस ने बताया कि शहर के पूर्वी हिस्से में पुलिस की गश्त जारी है, ताकि उपद्रव की कोई घटना न हो। उन्होंने बताया कि शहर में उपद्रव के सिलसिले में कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ लोग बर्मिंघम समेत दूसरे नगरों के हैं।

पुलिस ने कहा कि उसने आसपास के इलाकों से पुलिस बलों को बुलाया है। इलाके में शांति बहाल करने के लिए लोगों को तितर बितर करने और लोगों को रोक कर उनकी तलाशी लेने के अधिकारों का इस्तेमाल किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि एक मंदिर का झंडा उतारा जा रहा है और कांच की बोतलें फेंकी जा रही हैं। भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को जारी बयान में कहा, ‘हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धार्मिक परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं।’

फर्जी खबरों को बताया जा रहा हिंसा का कारण

इसमें कहा गया है, ‘हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हम अधिकारियों से, प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान करते हैं।’ प्रवासी समूह ‘इनसाइट यूके’ ने दावा किया है कि हिंसा की ज्यादातर घटनाएं अफवाहों और सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से हुई हैं। लीसेस्टर के मेयर पीटर सोल्सबी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चीजों को तोड़-मरोड़ कर साझा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आए लोग शहर में हिंसा भड़का रहे हैं।

हिंदू काउंसिल यूके ने एक बयान में कहा, 'हम हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटना की निंदा करते हैं। ये पूजास्थल हैं और उनका अनादर नहीं किया जाना चाहिए।' बयान के मुताबिक, 'हम हिंदू समुदाय से आह्वान करते हैं कि वे अधिकारियों के साथ मिलकर शांति कायम करने के लिए काम करें। लीसेस्टर अपनी सांस्कृतिक विविधता, एकता और समुदायों के बीच एकजुटता के लिए जाना जाता है।'

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