Monday, April 29, 2024
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प्रिगोझिन ही नहीं, पुतिन के इन दुश्मनों की भी आ चुकी है अचानक मौत की खबर

वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन की मौत की खबर से पूरी दुनिया सकते में है। उनकी मौत अप्रत्याशित रूप से हुई है। हालांकि विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मौत हुई। वे पुतिन के साथ गद्दारी कर चुके थे। इससे पहले भी पुतिन के दुश्मनों की अचानक मौत की खबर आ चुकी है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: August 24, 2023 14:09 IST
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन।- India TV Hindi
Image Source : PTI रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन।

Russia News: वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में मौत हो गई है। वैगनर से जुड़े टेलीग्राम चैनल ने भी प्रिगोझिन की मौत की पुष्टि कर दी है। उनकी मौत वैसे तो विमान दुर्घटना में हुई है। 30 सेकंड में ऐसा क्या हुआ कि जिस विमान में प्रिगोझिन बैठे थे, वो अचानक 8 हजार मीटर नीचे आ गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दरअसल, पिछले दिनों प्रिगोझिन ने जब रूस के खिलाफ बगावत की तो पुतिन बैकफुट पर आए और उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति की मदद से 24 घंटे में ही इस बगावत को टाल दिया था। हालांकि, पुतिन ने कठोर शब्दों में एक संदेश दिया, जो अब चर्चा का विषय बन गया। पुतिन ने कहा, हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया और उन्हें इसकी सजा मिलेगी। मैं अपने विश्वासघात को कभी नहीं भूलता हूं और अब दो महीने बाद प्रिगोझिन की मौत हो गई है। यह रहस्य अभी बरकरार है। इससे पहले भी पुतिन के दुश्मनों की अचानक मौत की खबरें आती रही हैं। जानिए इनके बारे में।

रवील मगानोव: तेल कंपनी लुकोइल के चेयरमैन रवील मगानोव ने यूक्रेन पर हमले की खुले तौर पर आलोचना की। उन्होंने युद्ध को तुरंत खत्म करने को कहा। 2022 के फरवरी में युद्ध शुरू हुआ और सितंबर में मॉस्को के एक अस्पताल की खिड़की से गिरकर मगानोव की मौत हो गई। हालांकि, लुकोइल ने बताया कि मगानोव की मौत गंभीर बीमारी की वजह से हुई है, लेकिन मौत का रहस्य बरकरार रहा।

मिखाइल लेसिन: रूसी प्रेस मंत्री मिखाइल लेसिन की नवंबर 2015 में वाशिंगटन डीसी में रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई। उनके चेहरे पर चोट के निशान थे। लेसिन ने ही अंग्रेजी भाषा के टेलीविजन नेटवर्क रशिया टुडे (आरटी) की स्थापना की थी। मरने से पहले लेसिन एफबीआई से संपर्क में थे। उन्हें रूस के अंदरूनी कामकाज के बारे में बहुत ज्यादा मालूम था। कहा जाता है कि इसी वजह से उन्हें ठिकाने लगवा दिया गया।

बोरिस नेमत्सोव: बोरिस येल्तसिन के समय बोरिस नेमत्सोव रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उन्हें पुतिन का बड़ा आलोचक माना जाता था। नेमत्सोव ने पुतिन पर आरोप लगाया था कि वह रूस के अमीर वर्ग के इशारे पर नाचते हैं और उनसे पैसे लेते हैंं 2015 में जब वह मॉस्को में एक रेस्तरां से बाहर निकल रहे थे, तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गईं हत्या वाली जगह क्रेमलिन से कुछ ही दूर थीं 

बोरिस बेरेजोव्स्की: रूसी ओलीगार्क बोरिस बेरेजोव्स्की की पुतिन से अनबन हुई और वह अपनी जान बचाकर ब्रिटेन भाग गए। उन्होंने ब्रिटेन से ही पुतिन को धमकी दी। फिर मार्च 2013 में खबर आई कि बेरेजोव्स्की ने सुसाइड कर लिया है। पुलिस भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पाई कि ये हत्या है या फिर आत्महत्या।

नतालिया एस्टेमिरोवा: नतालिया एस्टेमिरोवा चेचन्या में रूस के जरिए किए जाने वाले मानवाधिकारों के हनन को उजागर किया करती थीं। उनकी रिपोर्ट की वजह से रूसी सरकार पर अक्सर ही दबाव बनता था। फिर 2009 में उन्हें किडनैप कर लिया गया। कुछ दिनों बाद जंगल से उनकी लाश मिली। 

अलेक्जेंडर लिट्विनेंको: पूर्व केजीबी एजेंट अलेक्जेंडर लिट्विनेंको पुतिन के बड़े आलोचकों में से एक था। उसने पुतिन पर एक पत्रकार की हत्या का आरोप लगाया था। 2006 में लंदन में एक होटल में जहर मिली चाय पीने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि लिट्विनेंको को एफएसबी एजेंट आंद्रेई लुगोवोई और दिमित्री कोवतुन ने जहर दिया था। बताया जाता है कि दोनों ही एजेंट को इस मिशन को अंजाम देने के लिए पुतिन ने भेजा था।  

एना पोलितकोवस्काया: रूसी पत्रकार एना पोलितकोवस्काया ने अपनी किताब Putin's Russia में रूसी राष्ट्रपति पर देश को पुलिस स्टेट के बदलने का आरोप लगाया। ये बात रूसी सरकार को नागवार गुजरी और फिर 2006 में सुपारी किलर्स ने उनके घर के बाहर ही उनकी हत्या कर दी। 

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