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"स्विस बैंकों में जमा काले धन" पर सनसनीखेज खुलासा, मोदी सरकार के दौरान आई ये रिपोर्ट कर देगी हैरान

स्विस बैंकों में कथित तौर पर जमा भारतीयों के कालेधन को लेकर वर्षों से देश में हंगामा होता रहा है। कई बार के राष्ट्रीय चुनावों में भी काला धन एक बड़ा मुद्दा रहा है। मगर मोदी सरकार के दौरान स्विस बैंकों में जमा होने वाले काले धन पर क्या एक्शन हुआ, ये रिपोर्ट आपको हैरान कर देगी।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 20, 2024 17:58 IST, Updated : Jun 20, 2024 17:58 IST
स्विस बैंक, स्विट्जरलैंड। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS स्विस बैंक, स्विट्जरलैंड।

नई दिल्ली/ज्यूरिखः स्विस बैकों में जमा भारतीयों के कथित काले धन को लेकर देश में समय-समय पर हंगामा और आंदोलन तक होता रहा है। मगर पिछले कुछ वर्षों से काले धन का मुद्दा चर्चा में नहीं है। मगर इस दौरान आई एक रिपोर्ट ने सबको हैरान कर दिया है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्विस बैंकों में जमा होने वाले भारतीयों के काले धन पर तगड़ा प्रहार हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से स्विस बैंकों में भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा जमा धन, 2023 में 70 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ चार साल के निचले स्तर 1.04 अरब स्विस फ्रैंक (9,771 करोड़ रुपये) पर आ गया है। मोदी सरकार की ब्लैक मनी के खिलाफ तैयार सख्त नीतियों को इस गिरावट की वजह माना जा रहा है। 

स्विट्जलैंड के केंद्रीय बैंक की ओर से बृहस्पतिवार को जारी वार्षिक आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों के कुल धन में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई है। यह 2021 में 14 साल के उच्चतम स्तर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक पर पहुंच गया था। गिरावट का मुख्य कारण बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से रखे गए धन में तेज गिरावट है। आंकड़ों के अनुसार, इसके अलावा, ग्राहक जमा खातों में जमा राशि और भारत में अन्य बैंक शाखाओं के माध्यम से रखे गए धन में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है।

क्या कहते हैं स्विस बैंक के आंकड़े

ये स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) को बैंकों द्वारा बताए गए आधिकारिक आंकड़े हैं और ये स्विटजरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए बहुचर्चित कथित काले धन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं। इन आंकड़ों में वह धन नहीं शामिल है जो भारतीयों, एनआरआई या अन्य लोगों ने तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर स्विस बैंकों में रखा हो सकता है। एसएनबी द्वारा 2023 के अंत में स्विस बैंकों की ‘कुल देनदारियों’ या उनके भारतीय ग्राहकों को ‘बकाया राशियों’ के रूप में 103.98 करोड़ स्विस फ्रैंक बताए गए हैं।

इनमें ग्राहक जमा में 31 करोड़ स्विस फ्रैंक (2022 के अंत में 39.4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), अन्य बैंकों के माध्यम से रखे गए 42.7 करोड़ स्विस फ्रैंक (111 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), न्यासों या ट्रस्टों के माध्यम से एक करोड़ स्विस फ्रैंक (2.4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) और बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के रूप में ग्राहकों को देय अन्य राशियों के रूप में 30.2 करोड़ स्विस फ्रैंक (189.6 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) शामिल हैं। एसएनबी के आंकड़ों के अनुसार, 2006 में कुल राशि लगभग 6.5 अरब स्विस फ्रैंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी। इसके बाद 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 सहित कुछ वर्षों को छोड़कर यह ज्यादातर नीचे की ओर ही रही है। (भाषा) 

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