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WHO के सदस्य देशों ने ऐतिहासिक महामारी समझौते के पक्ष में की वोटिंग, जानें क्या है इसका उद्देश्य

कोरोना महामारी के दौरान इस आपदा समझौते की शुरुआत की गई थी और इसकी मंजूरी देने से पहले 3 साल से ज्यादा समय तक इसे अपनाने का प्रोसेस चला। आज WHO के सदस्य देशों ने औपचारिक रूप से दुनिया के पहले महामारी समझौते के पक्ष में वोटिंग की।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : May 20, 2025 17:05 IST, Updated : May 20, 2025 17:06 IST
Tedros Adhanom Ghebreyesus
Image Source : AP विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनम घेब्रेसियस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य देशों ने मंगलवार को औपचारिक रूप से सर्वसम्मति से दुनिया के पहले महामारी समझौते के पक्ष में वोटिंग की। संयुक्त राष्ट्र (UN) स्वास्थ्य निकाय ने एक बयान में इसकी घोषणा की। इस समझौते का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि देश भविष्य की महामारियों की प्रभावी रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए मिलकर काम करें।

समझौते का उद्देश्य क्या है?

  • कोरोना महामारी के दौरान इस आपदा समझौते की शुरुआत की गई थी और इसकी मंजूरी देने से पहले 3 साल से ज्यादा समय तक इसे अपनाने का प्रोसेस चला।
  • इस समझौते में महामारी की रोकथाम के लिए जो कमियां हैं, उन्हें दूर करने पर बात हुई।
  • WHO ने बयान में कहा कि 'इस महत्वपूर्ण समझौते को डब्ल्यूएचओ संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अपनाया गया।
  • इसका उद्देश्य देशों, डब्ल्यूएचओ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि महामारी को रोका जा सके।
  • भविष्य में महामारी संकट की स्थिति में बेहतर तरीके से निपटा जा सके।  

WHO के महानिदेशक क्या बोले?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनम घेब्रेसियस ने कहा, ''दुनिया भर की सरकारें अपने देशों और वैश्विक समुदाय को महामारी के खतरों से सुरक्षित बना रही हैं। मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों को कोविड-19 के बाद भविष्य की महामारियों से दुनिया को बेहतर तरीके से बचाने के लिए एक साथ आने का संकल्प लेने के लिए बधाई देता हूं। इस वैश्विक समझौते को विकसित करने के लिए उनका काम यह सुनिश्चित करेगा कि देश अगली महामारी के खतरे को रोकने और उसका जवाब देने के लिए बेहतर, तेज और अधिक समान रूप से एक साथ काम करें।'

इस समझौते के तहत पैथोजन एक्सेस एंड बेनेफिट शेयरिंग सिस्टम (PABS) बनाया जाएगा। इसके लिए एक अंतरसरकारी कार्य समूह स्थापित किया जाएगा। इस पीएबीएस सिस्टम में फार्मा कंपनी भी शामिल की जाएंगी, ताकि महामारी की स्थिति में जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार की जा सके।  

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