Tuesday, March 19, 2024
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अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: कौन हैं जो बिडेन? कैसा रहा है उनका अबतक का सफर

77 वर्षीय जो बिडेन दुनिया के सबसे तजुर्बेकार अनुभवी राजनेताओं में माने जाते हैं। वे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती दे रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 31, 2020 9:52 IST
Joe biden- India TV Hindi
Image Source : AP Joe biden

77 वर्षीय जो बिडेन दुनिया के सबसे तजुर्बेकार अनुभवी राजनेताओं में माने जाते हैं। वे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती दे रहे हैं। जो बिडेन का जन्म 20 नवंबर 1942 को हुआ था। बिडेन 1972 में पहली बार डेलावेयर से सीनेटर चुने गए थे। अबतक वे छह-टर्म सीनेटर रह चुके हैं। बिडेन संयुक्त राज्य अमेरिका के 47 वें उपराष्ट्रपति भी रहे।

50.5 फीसदी मतों के साथ जीता था पहला चुनाव

बिडेन ने इतिहास और पॉलिटकल साइंस से बैचलर की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने लॉ की भी पढ़ाई पूरी की और एक वकील के तौर पर काम करना शुरू किया। 1972 में वे डेलावेयर से 50.5 फीसदी मतों के साथ सीनेटर का चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके बाद में लगातार 6 बार इसी सीट से सिनेटर चुने जाते रहे। 

कार हादसे में पत्नी और बेटी की मौत
1972 में एक कार हादसे में उन्होंने अपनी पहली पत्नी और एक नवजात बेटी को खो दिया था। 2015 में उनके बेटे ब्यू बिडेन का ब्रेन कैंसर से निधन हो गया।
 
बिडेन दो बार पहले भी पेश कर चुके हैं राष्ट्रपति पद की दावेदारी 
बिडेन ने इससे पहले 1988 और 2008 में डेमोक्रेट पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी जता चुके हैं।1988 में उन पर दूसरों के भाषण चोरी करने के आरोप लगे थे। साल 2008 में उन्हें बराक ओबामा के आगे हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि,  बाद के दिनों में ओबामा प्रशासन में वह अमेरिका के उप राष्ट्रपति बने।

 भारत-अमेरिका न्यूक्लियर डील में अहम भूमिका
अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय. के लोगों को सम्बोधित करते हुए जो बिडेन ने कहा कि, ‘’15 साल पहले मैं भारत और अमेरिका के बीच होने वाली सिविल न्यूक्लियर डील के लिए जो प्रयास हुए वो मेरी अगुआई में हो रहे थे। मैंने कहा था कि अगर अमेरिका और भारत दोस्त बन जाते हैं तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित रहेगी’’।  ओबामा के काल में 2009 में न्यूक्लियर डील को साइन करना एक बड़ी ऐतिहासिक घटना थी। इस समझौते के पीछे विदेश नीति में बिडेन की विशेषज्ञता को अहम माना जाता है।

भारत के साथ हमेशा खड़े रहेंगे
अपने भाषण में बिडेन ने कहा कि वे चीन और पाकिस्तान के चलते भारत की सीमाओं पर बने खतरे के वक्त भी भारत के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। बिडेन ने ये भी कहा कि दक्षिण एशिया में किसी भी तरह का आतंकवाद सहन नहीं होगा, चाहे वो सीमा पार से हो या किसी और तरह से। उन्होंने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी कि वो आतंकवाद के लिए अमेरिका का इस्तेमाल करने का प्रयास ना करे।

चुनाव जीतने पर सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति बन सकते हैं बिडेन
जो बिडेन अगर राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो इस पद पर पहुंचने वाले वे सबसे बुजुर्ग नेता होंगे। आपको बता दें सीनेट में जाने की न्यूनतम उम्र 30 साल है, जबकि बिडेन साल 1972 में 29 साल की उम्र में ही सीनेट चुनाव जीत गए थे। हालांकि, शपथग्रहण तक उनकी उम्र 30 साल हो गई थी। इस वजह से उन्हें पद पर बने रहने दिया गया था। 

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