Thursday, April 25, 2024
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US China: गुआम के आसपास THAAD नेटवर्क बना रहा है अमेरिका, प्रशांत महासागर से बेदखल होगा चीन, कैसे चकनाचूर होगा ड्रैगन का मकसद?

US THAAD Network in Guam: अमेरिका ने गुआम में पहले से ही पैट्रयट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात किया हुआ है। चीनी मिसाइलों की लगातार बढ़ती ताकत को देखते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय किसी भी कीमत पर गुआम की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहता है।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: October 03, 2022 14:27 IST
US THAAD Network in Guam-China- India TV Hindi
Image Source : TWITTER US THAAD Network in Guam-China

Highlights

  • गुआम में थाड सिस्टम तैनात करेगा अमेरिका
  • चीन के खतरे को कम करने की होगी कोशिश
  • विभिन्न द्वीपों पर होगी डिफेंस सिस्टम की तैनाती

US THAAD Network in Guam: अमेरिका और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। इस बीच अमेरिका अपने गुआम सैन्य अड्डे को सुरक्षित करने के लिए सतह से सतह तक मार करने वाले THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) डिफेंस सिस्टम को तैनात करने जा रहा है। वैसे तो थाड साल 2013 से ही गुआम में तैनात है लेकिन इस बार इस डिफेंस सिस्टम के मिसाइल लॉन्चर और रडार को एक ही साइट के बजाय विभिन्न द्वीपों पर तैनात किया जाएगा। अमेरिका के गुआम सैन्य अड्डे को चीन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल से सबसे ज्यादा खतरा है। 

अमेरिका ने गुआम में पहले से ही पैट्रयट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात किया हुआ है। ठीक इसी वक्त, इजरायल के आयरन डोम को गुआम में टेस्ट किया गया है। चीनी मिसाइलों की लगातार बढ़ती ताकत को देखते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय किसी भी कीमत पर गुआम की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहता है।

अमेरिका के लिए गुआम क्यों जरूरी है?

गुआम में अमेरिका का रणनीतिक रूप से अहम नौसेना और वायु सेना अड्डा है। एंडरसन एयर फोर्स बेस, नेवल बेस गुआम, मरीन कॉर्प्स कैंप बेस और जॉइंट रीजन मरीन हेडक्वार्टर गुआम के विभिन्न द्वीपों पर मौजूद हैं। अगर कभी ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर युद्ध होता है, तो चीनी सेना का मुख्य निशाना गुआम द्वीप समूह रहेंगे। गुआम द्वीप मुख्य भूमि चीन के सबसे पास वाला अमेरिकी सैन्य अड्डा है। यह चीन के सबसे बड़े वाणिज्यिक शहर शंघाई से 2,897 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में है। एंडरसन एयर फोर्स बेस यूएस स्ट्राइक एयरक्राफ्ट को लॉन्च करने, री-आर्मिंग और मरम्मत के लिए सबसे महत्वपूर्ण फॉरवर्ड बेस में से एक होगा।

थाड की तैनाती के लिए द्वीपों की खोज कर रहा है अमेरिका

  
अमेरिकी नौसेना ने अपनी कमांडर सबमरीन फोर्स की वेबसाइट पर कहा कि नौसेना बेस गुआम सातवें बेड़े में तैनात सभी पनडुब्बियों को सपोर्ट करने के लिए रणनीतिक रूप से स्थित है। अमेरिका का 7वां बेड़ा जापान के योकोसुका में स्थित है। इस बेड़े में कई परमाणु पनडुब्बी शामिल हैं। अमेरिकी सेना पहले से ही दूरदराज के द्वीपों पर थाड के मिसाइल लॉन्चर और दूरसंचार का परीक्षण कर रही हैं। इस बीच, अमेरिकी नौसेना ने थाड के रडार और अन्य उपकरणों के साथ इसे संचालित करने के लिए कर्मियों की तैनाती के लिए अलग द्वीपों की पहचान करना शुरू कर दिया है। थाड के कुछ मोबाइल लॉन्चर जहाजों पर भी रखे जा सकते हैं।

गुआम को सुरक्षा दे सकता है थाड- कमांडर 

गुआम स्थित जॉइंट रीजन मरीन के कमांडर नेवी रियर एडमिरल बेंजामिन निकोलसन के अनुसार, थाड मिसाइल फिलहाल केवल सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। लेकिन ये सिस्टम उतना ताकतवर नहीं है कि पूरी तरह गुआम की रक्षा कर सके। निकोलसन ने जून में एयर फोर्स मैग्जीन में कहा था कि थाड केवल बैलिस्टिक और अन्य मिसाइल से सुरक्षा प्रदान करेगा लेकिन यह कुछ हद तक सीमित है। ये नया सिस्टम अधिक क्षमता के साथ गुआम को सभी तरह के खतरों और मिसाइलों से बचाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस पर काम किया जा रहा है कि किस द्वीप पर थाड के मिसाइल लांचर और राडार तैनात किए जाएंगे।

कितना ताकतवर है अमेरिका का थाड?

अमेरिका के थाड सिस्टम को बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। इस सिस्टम को 1987 में लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया था। सिस्टम को 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान इराक के स्कड मिसाइल हमलों से सबक लेते हुए बनाया गया था। इस सिस्टम में शामिल मिसाइलें सिंगल स्टेज रॉकेट इंजन का इस्तेमाल करती हैं। इसके विपरीत, एस-400 डिफेंस सिस्टम में मल्टी लेयर मिसाइलें होती हैं।

10000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है रफ्तार

यह सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी उड़ान के शुरुआती चरणों में मार गिराने में सक्षम है। सिस्टम हिट-टू-किल तकनीक पर काम करता है, जिसका मतलब है कि यह मिसाइलों को रोकने के बजाय उन्हें नष्ट कर देता है। थाड सिस्टम को 200 किलोमीटर की दूरी तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होने का दावा किया गया है। इसकी मिसाइलों की गति 10000 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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