Sunday, November 09, 2025
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अवैध प्रवासियों के बच्चों को 18 साल बाद भी वयस्क केंद्र में नहीं भेज पाएगा US, अदालत ने ट्रंप के आदेश पर लगाई रोक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित फैसलों को अदालत से लगातार झटका लग रहा है। अब अमेरिकी की संघीय अदालत ने ट्रंप के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें अवैध प्रवासियों के बच्चों की उम्र 18 साल होने के बाद उन्हें वयस्क हिरासत केंद्रों में भेजा जाना था।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 05, 2025 11:48 am IST, Updated : Oct 05, 2025 11:48 am IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

अटलांटा:अमेरिका में अवैध रूप से आए बच्चों की उम्र 18 साल हो जाने के बाद भी अमेरिकी प्रशासन उन्हें वयस्क हिरासत केंद्रों में स्थानांतरित नहीं कर सकेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इ नई नीति पर अमेरिका की संघीय अदालत ने अस्थायी रोक लगा दी है। वकीलों के अनुसार, यह स्थानांतरण इस सप्ताहांत किया जाने वाला था। मगर कोर्ट के इस आदेश ने ट्रंप को बड़ा झटका दिया है। 

अमेरिकी कोर्ट ने क्या कहा

अमेरिकी जिला न्यायाधीश रूडोल्फ कोंट्रेरास ने शनिवार को अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (आईसीई) के खिलाफ अस्थायी आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि अकेले और बिना अनुमति के अमेरिका आए किसी भी बच्चे को 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद आईसीई के वयस्क हिरासत केंद्रों में नहीं रखा जाए। न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की स्वचालित हिरासत 2021 में उनके द्वारा जारी किए गए एक पूर्व आदेश का उल्लंघन है, जिसमें बच्चों को वयस्क केंद्रों में भेजने पर रोक लगाई गई थी।

 

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है कोर्ट

इस आदेश का मकसद उन बच्चों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है जो अवैध रूप से देश में आए हैं और जिनका विकास वयस्क हिरासत केंद्रों में रहकर ठीक से नहीं हो पाता। आईसीई और अमेरिकी गृह मंत्रालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि वे 14 वर्ष और उससे अधिक उम्र के प्रवासी बच्चों को स्वेच्छा से अपने देशों में लौटने के लिए 2,500 अमेरिकी डॉलर की पेशकश कर रहे हैं। यह कदम उस दबाव के बीच आया है जो अमेरिका के आव्रजन नियमों में कड़े रुख के तहत लिया जा रहा है।

 

ट्रंप की नीतियों को लगा झटका

यह नया आदेश पिछले महीने एक अन्य संघीय न्यायाधीश द्वारा दिए गए आदेश से मिलता-जुलता है, जिसमें अकेले अमेरिका आए ग्वाटेमाला के प्रवासी बच्चों को तुरंत उनके देश वापस भेजने के प्रयासों पर रोक लगा दी गई थी। इन फैसलों ने ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों के खिलाफ न्यायालय की भूमिका को स्पष्ट किया है, जो विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के मामलों में संवेदनशीलता दिखाने की मांग करता है। इस विवाद के बीच, अमेरिका में अवैध रूप से आने वाले बच्चों के संरक्षण और उनके अधिकारों की बहस गहराती जा रही है।

 


मानवाधिकार समूह भी थे ट्रंप की नीतियों के खिलाफ

 कई मानवाधिकार समूह भी ट्रंप की इन नीतियों की आलोचना कर रहे थे। वह सभी अब न्यायालय से अपने पक्ष में फैसले की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि बच्चों को वयस्क हिरासत केंद्रों में रखने से रोका जा सके और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। इस अस्थायी रोक ने बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों में उचित और मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं। (एपी)

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