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'पीड़ितों के साथ न्याय हुआ' हिजबुल्लाह प्रमुख नसरुल्ला की मौत पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का बयान

लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला को पश्चिम एशिया में एक शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में तब्दील करने में अहम भूमिका अदा करने वाला संगठन का सरगना हसन नसरुल्ला इजराइली हवाई हमले में मारा गया।

Edited By: Shakti Singh
Published : Sep 28, 2024 23:47 IST, Updated : Sep 28, 2024 23:47 IST
Jo Biden- India TV Hindi
Image Source : AP अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को हिज्बुल्ला नेता हसन नसरुल्ला की मौत को उसके चार दशक के आतंक के शासन से मुक्ति का एक तरीका बताया। बाइडन ने बताया कि नसरुल्ला को निशाना उस संघर्ष के व्यापक परिप्रेक्ष्य में बनाया गया, जो सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइलियों के नरसंहार के साथ शुरू हुआ था। बाइडन ने एक बयान में कहा, ‘‘(उस हमले के) अगले दिन नसरुल्ला ने हमास के साथ हाथ मिलाने और इजराइल के खिलाफ 'उत्तरी मोर्चा' खोलने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया।" उन्होंने यह भी कहा कि नसरुल्ला के नेतृत्व में हिजबुल्ला हजारों अमेरिकियों की मौत के लिए जिम्मेदार है।

लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला को पश्चिम एशिया में एक शक्तिशाली अर्धसैनिक एवं राजनीतिक ताकत में तब्दील करने में अहम भूमिका अदा करने वाला संगठन का सरगना हसन नसरुल्ला इजराइली हवाई हमले में मारा गया। 64 साल के नसरुल्ला ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिजबुल्ला के युद्ध का नेतृत्व किया था। उसी के नेतृत्व में समूह पड़ोसी देश सीरिया के क्रूर संघर्ष में शामिल हुआ था। 

बेरूत में हुई मौत

बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेत हरेक पर इजराइली हवाई हमले में संगठन का सरगना मारा गया और जहां वह रह रहा था, हमले में वहां कई बहुमंजिला इमारतें ढह गईं। हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘हिजबुल्ला के महासचिव सैयद हसन नसरुल्ला अपने साथी महान शहीदों में शामिल हो गए हैं, जिनका उन्होंने 30 वर्षों तक एक जीत से दूसरी जीत तक नेतृत्व किया था।’’ समूह ने कहा, ‘‘वह ‘‘यरूशलम के रास्ते पर शहीद हो गए’’। नसरुल्लाह ने 1992 में इजराइली मिसाइल हमले में अपने पूर्ववर्ती की मौत के बाद हिजबुल्ला की कमान संभाली थी और तीन दशक तक संगठन का नेतृत्व किया। उसके नेतृत्व संभालने के पांच साल बाद अमेरिका ने हिजबुल्ला को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। 

लेबनान में 700 से अधिक मौतें

लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाके कर मुख्य रूप से हिजबुल्ला के सदस्यों को निशाना बनाया गया, जिनमें 39 लोगों की मौत हो गयी थी और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए थे। लेबनान ने इसके लिये इजराइल को दोषी ठहराया, लेकिन इजराइल ने न जिम्मेदारी ली न ही इसका खंडन किया। नसरुल्ला ने जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। लेबनान के अधिकारियों के मुताबिक लेबनान पर इजराइली हमलों में पांच दिनों में 700 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें कम से कम 150 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। नसरुल्ला ने धमकी दी थी कि उसकी ओर से बमबारी जारी रहेगी और इजराइली उत्तर में अपने घरों को तब तक वापस नहीं लौट सकेंगे जब तक कि गाजा में इजराइल का अभियान समाप्त नहीं हो जाता। 

लसरुल्ला को मिली थी सैय्यद की उपाधि

नसरुल्ला को उसके समर्थक करिश्माई और निपुण रणनीतिकार मानते थे। उसने हिजबुल्ला को इजराइल के कट्टर दुश्मन के रूप में परिवर्तित किया और ईरान के शीर्ष धार्मिक नेताओं और हमास जैसे फलस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ गठबंधन को मजबूत किया। वह अपने लेबनानी शिया अनुयायियों का आदर्श तथा अरब एवं इस्लामी जगत के लाखों लोगों के बीच सम्मानित था। उसे सैय्यद की उपाधि दी गई थी जो एक सम्मानजनक उपाधि थी जिसका उद्देश्य शिया धर्मगुरु के वंश को दर्शाना था, जो इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मुहम्मद तक जाती है। 

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