Wednesday, June 25, 2025
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Watch: ईरान पर हमला करने के लिए B-2 बॉम्बर्स ने कैसे भरी थी उड़ान? देखें वीडियो

अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में 7 B-2 बॉम्बर्स से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। 37 घंटे की उड़ान में MOP बमों और टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ। ईरान पर हमले से पहले B-2 बॉम्बर्स के उड़ान भरने का वीडियो सामने आया है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Jun 24, 2025 18:23 IST, Updated : Jun 24, 2025 18:23 IST
B-2 bombers Iran attack, Operation Midnight Hammer
Image Source : US ARMY ईरान पर हमले के लिए उड़ान भरते बी2 बॉम्बर की तस्वीर।

वॉशिंगटन: अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर 21 जून का अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया था। इस मिशन, जिसे ऑपरेशन मिडनाइट हैमर नाम दिया गया, में 7 B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया था। ये स्टील्थ विमान मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से 21 जून को रात 12:01 बजे उड़े और 37 घंटे की उड़ान के बाद अगले दिन वापस लौटे। यह 2001 के बाद B-2 का दूसरा सबसे लंबा मिशन था। बॉम्बर्स ने अपने मिशन को बखूबी अंजाम देते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया। अब अमेरिका ने ईरान पर हमले से पहले B-2 बॉम्बर्स के उड़ान भरने का वीडियो जारी किया है।

क्या है अमेरिका द्वारा जारी किए गए वीडियो में?

अमेरिका ने मिशन मिडनाइट हैमर का वीडियो जारी किया, जिसमें B-2 विमानों को व्हाइटमैन बेस से उड़ान भरते और वापस लौटते दिखाया गया है। अंधेरी रात में विमान के उड़ान भरने का वीडियो काफी रोमांचकारी है। बता दें कि यह मिशन न सिर्फ तकनीकी रूप से जटिल था, बल्कि इसे बेहद गुप्त और सटीक तरीके से अंजाम दिया गया। यह हमला अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, हालांकि फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप ने 'सीजफायर' का ऐलान कर दिया है। क्षेत्रीय स्थिरता पर इसका क्या असर होगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

ईरान पर हमले को कैसे दिया गया अंजाम?

इन विमानों ने GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बमों का इस्तेमाल किया, जो 30,000 पाउंड के बम हैं और 200 फीट तक जमीन के नीचे जा सकते हैं। ये बम ईरान के फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान जैसे परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाए गए हैं। मिशन में सात B-2 विमानों ने 14 MOP बम गिराए। हमला 21 जून को अमेरिकी समयानुसार शाम 6:40 से 7:05 बजे (ईरान में सुबह 2:10 बजे) के बीच हुआ। इस ऑपरेशन का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करना था। फोर्डो जैसे ठिकानों पर बमों ने गहरा नुकसान पहुंचाया, क्योंकि इनके फ्यूज देरी से फटने के लिए डिजाइन किए गए थे, जिससे ज्यादा से ज्यादा तबाही हुई।

24 से ज्यादा टॉमहॉक मिसाइलें भी दागीं

B-2 विमानों ने हवा में ईंधन भरने वाले टैंकरों के साथ मिलकर उड़ान भरी और सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के सहयोग से ईरान के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए। हमले से पहले एक अमेरिकी पनडुब्बी ने 2 दर्जन से ज्यादा टॉमहॉक मिसाइलें दागीं, जो ईरान के सतह पर मौजूद ठिकानों को निशाना बनाने के लिए थीं। इसके साथ ही, चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों ने दुश्मन के फाइटर जेट्स और मिसाइल खतरों को रोकने के लिए तेजी से उड़ान भरी। अमेरिका ने डिकॉय (नकली हमले) जैसी चालाकी भी इस्तेमाल की ताकि ईरान का ध्यान भटकाया जा सके।

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