Thursday, December 12, 2024
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पूर्व सांसद सूरजभान समेत 6 बरी, मुन्ना शुक्ला को उम्रकैद, बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का फैसला

पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक ​​मुन्ना शुक्ला समेत 8 लोगों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Niraj Kumar Published : Oct 03, 2024 12:00 IST, Updated : Oct 03, 2024 15:01 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान समेत 6 लोगों को बरी करने के पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। वहीं शीर्ष अदालत ने मुन्ना शुक्ला समेत दो दोषियों को उम्रकैद की सजा मुकर्रर की है। अदालत ने दोनों को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने को कहा है। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक ​​मुन्ना शुक्ला समेत 8 लोगों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

15 दिनों के अंदर करें सरेंडर 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने मुन्ना शुक्रला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की फैसला सुनाते हुए इन्हें 15 दिनों के अंदर सरेंडर करने के लिए कहा है।

सबूतों के अभाव में हाईकोर्ट ने किया था बरी

बिहार सरकार में साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्कांड में पटना हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में सबूतों के अभाव में मुन्ना शुक्ला, सूरजभान, राजन तिवारी सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया था। पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में इनकी अपील पर 22 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि मंटू तिवारी और विजय कुमार शुक्ला उर्फ ​​मुन्ना शुक्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप साबित हुए हैं । 

हाईकोर्ट ने 24 जुलाई 2014 को कहा था कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों पर गौर करने के बाद सूरजभान सिंह उर्फ ​​सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। इसने अधीनस्थ अदालत के 12 अगस्त 2009 के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था और सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 

कैसे हुआ था मर्डर?

13 जून 1998 को बृज बिहारी प्रसाद की हत्या राजधानी पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कर दी गई थी। उस वक्त कड़ी सुरक्षा के बीच बृज बिहारी प्रसाद इस अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे। यूपी के डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने एके-47 से गोलियां बरसाकर बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे।

 

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