Friday, May 03, 2024
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सस्ती पूंजी की उपलब्धता के लिए महंगाई का निचले स्तर पर रहना जरूरी

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने आज कहा कि सस्ते कर्ज के लिए मध्यम से दीर्घकाल तक मुद्रास्फीति का निरंतर नीचे रहना जरूरी है। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले उन्होंने

India TV Business Desk India TV Business Desk
Updated on: September 19, 2015 12:00 IST
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सस्ते कोष के लिए मुद्रास्फीति का नीचे रहना जरूरी: RBI

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने आज कहा कि सस्ते कर्ज के लिए मध्यम से दीर्घकाल तक मुद्रास्फीति का निरंतर नीचे रहना जरूरी है। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा, सतत रूप से निम्न मुद्रास्फीति पर्याप्त स्तर तक नीचे रहना मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति प्रत्याशा के विशेष स्तर के अनुरूप लागत को उपयुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा यह पिछले सप्ताह या पिछले महीने की मुद्रास्फीति नहीं बल्कि मध्यम से दीर्घकाल तक की मुद्रास्फीति है।

रिजर्व बैंक नीतिगत दर के निर्धारण में मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है जो पिछले कई महीनों से नीचे बना हुआ है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले 10 महीने से शून्य से नीचे बनी हुई है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) अगस्त में घटकर 3.66 प्रतिशत पर आ गयी। रिजर्व बैंक 29 सितंबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। पिछली बार चार अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने के कारण नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। पटेल ने कहा कि इसके अलावा केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों का राजकोषीय घाटा भी कोष की लागत के निर्धारण में अहम भूमिका निभाता है क्योंकि केंद्र तथा राज्य दोनों संयुक्त रूप से दुनिया में सबसे बड़े उधार लेने वालों में शामिल हैं। डिप्टी गवर्नर ने यह भी कहा कि पुनर्गठन की ऊंची लागत से भी कोष की लागत बढ़ रही है और रिजर्व बैंक मुद्दे के समाधान की कोशिश कर रहा है।

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