Monday, April 29, 2024
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कर्नाटक में आज थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर, आखिरी दिन पूरा गांधी परिवार झोंकेगा ताकत; 10 मई को डाले जाएंगे वोट

सत्तारूढ़ बीजेपी दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। वहीं, बीजेपी से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है। जनता को रिझाने के लिए आज पूरा गांधी परिवार ताकत झोंकते दिखाई देगा।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: May 08, 2023 9:46 IST
priyanka gandhi- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रियंका गांधी

बेंगलुरु: कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए जोरशोर से जारी प्रचार अभियान आज शाम को समाप्त हो जाएगा और इससे पहले राज्य के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इन राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों का तूफानी दौरा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। जनता को रिझाने के लिए आज पूरा गांधी परिवार ताकत झोंकते दिखाई देगा। राहुल गांधी बहन प्रियंका गांधी संग दोपहर के वक्त एक रोड शो को संबोधित करेंगे।

वहीं, बीजेपी से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंक देते देखा जा सकता है और वह चुनावों में ‘किंगमेकर’ नहीं, बल्कि विजेता बन कर उभरना चाहती है। भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ‘डबल इंजन’ की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा है। वहीं, कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही है और शुरूआत में इसके चुनाव प्रचार की बागडोर स्थानीय नेताओं के हाथों में थी। हालांकि, बाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा जैसे इसके शीर्ष नेता भी चुनाव प्रचार में शामिल हो गए।

PM मोदी ने 18 जनसभाएं, 6 रोड शो किए

मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक करीब 18 जनसभाएं और छह रोड शो किए हैं। चुनाव कार्यक्रम की 29 मार्च को घोषणा होने से पहले मोदी ने जनवरी से तब तक सात बार राज्य का दौरा किया और विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया था। साथ ही, सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ हुई कई बैठकों को संबोधित किया। भाजपा नेताओं के मुताबिक, मोदी के पूरे प्रदेश के दौरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है और मतदाताओं में विश्वास भरा है, जिससे पार्टी को वोट में तब्दील होने की उम्मीद नजर आती है।

बीजेपी का 150 सीटों पर जीत का लक्ष्य
भाजपा को 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद राज्य में अपने बूते सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इस बार पार्टी स्पष्ट जनादेश की उम्मीद कर रही है। पार्टी ने कम से कम 150 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। भाजपा से सत्ता छीनना कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा और यह इसकी चुनावी संभावनाओं में नई जान फूंकने में अहम भूमिका निभाएगा। कांग्रेस इस चुनाव में जीत हासिल कर साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की ‘चुनावी मशीनरी’ का मुकाबला करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना चाहती है।

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खरगे के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है कर्नाटक चुनाव
कांग्रेस की ओर से शुरुआत में चुनाव प्रचार प्रदेश के नेता सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार के इर्द-गिर्द केंद्रित था, खरगे ने इसे गति दी और पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल तथा प्रियंका के इसमें शामिल होने से तैयारियों को मजबूती मिली। चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में पहुंचने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को हुबली में पार्टी की एक जनसभा को संबोधित किया। यह चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई भी है, क्योंकि खरगे राज्य के कलबुर्गी जिले के रहने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी 150 सीट पर जीत का लक्ष्य रखा है।

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