Tuesday, April 16, 2024
Advertisement

दवाइयों से सुशांत के डिप्रेशन का इलाज किया गया, यह कहना गलत : विशेषज्ञ

कई वरिष्ठ डॉक्टरों का मानना है कि यह कहना गलत होगा कि ये दवाइयां रोगी की केस हिस्ट्री और संभावित विकारों के बारे में जाने बिना ही अवसाद (डिप्रेशन) के लिए 'प्रेस्क्राइब' की जा रही थीं।

IANS Written by: IANS
Published on: September 08, 2020 0:23 IST
sushant depression- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM दवाइयों से सुशांत के डिप्रेशन का इलाज किया गया, यह कहना गलत : विशेषज्ञ

दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अक्टूबर 2019 से घबराहट की समस्या (पैनिक डिसऑर्डर) और दौरे (मिर्गी) की दवाइयां ले रहे थे। कई वरिष्ठ डॉक्टरों का मानना है कि यह कहना गलत होगा कि ये दवाइयां रोगी की केस हिस्ट्री और संभावित विकारों के बारे में जाने बिना ही अवसाद (डिप्रेशन) के लिए 'प्रेस्क्राइब' की जा रही थीं।

सुशांत सिंह राजपूत मामले में बतौर मुख्य आरोपी जांच का सामना कर रहीं अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने सुशांत की बहन प्रियंका सिंह के खिलाफ जालसाजी का आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। प्रियंका सिंह के साथ ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर डॉ. तरुण कुमार और अन्य के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

क्या सुशांत सिंह राजपूत ने सुझाया था FAU-G गेम का कॉन्सेप्ट? यहां जानिए सच्चाई

उन्होंने इन पर जालसाजी, एनडीपीएस एक्ट और टेली मेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइंस, 2020 के उल्लंघन के खिलाफ शिकायत दी है। आरोप है कि प्रियंका सिंह ने डॉक्टर की फर्जी पर्ची बनवाई और अवैध दवा की खरीदारी के लिए पर्ची सुशांत को दी। इस बीच विशेषज्ञों ने अपनी राय जाहिर की है।

विशेषज्ञों की यह टिप्पणी ऐसे कई दावों का भी अनुसरण करती है, जिनमें कहा गया है कि सुशांत का अवसाद का इलाज चल रहा था।

सूत्रों के अनुसार, सुशांत, जो इस साल 14 जून को मृत पाए गए थे, वह लोनाजेप 0.25 मिलीग्राम (एमजी) और 0.5 मिलीग्राम के साथ ही डैक्सिड 50 मिलीग्राम जैसी दवाएं ले रहे थे।

सूत्रों ने बताया कि सुशांत ने ये दवाएं पिछले साल 31 अक्टूबर को मुंबई के एक वरिष्ठ चिकित्सक की सलाह पर खरीदी थीं। इसी तरह इस साल 10 जनवरी को सुशांत ने फ्लुनिल 20 मिलीग्राम कैप्सूल, एटिवन एक मिलीग्राम टैबलेट, क्यूटीपिन टैबलेट, मेलाटोनिन तीन मिलीग्राम सॉफ्टगेल, मोडालर्ट-100 टैबलेट, एटिलाम 0.5 टैबलेट जैसी दवाएं खरीदी थीं।

दूसरे वरिष्ठ चिकित्सक की कथित सिफारिशों पर यह अन्य दवाइयां खरीदी गई थीं, जिन्होंने दिवंगत अभिनेता का इलाज किया था।

क्या सुशांत को जहर देकर मारा गया? एक्टर के विसरा की दोबारा जांच कर रहे हैं AIIMS के एक्सपर्ट

वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार, लोनाजेप 0.25 मिलीग्राम टैबलेट एमडी एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है, जिसका उपयोग मिर्गी (दौरे), घबराहट और चिंता जैसे विकार के इलाज के लिए किया जाता है, जबकि डैक्सिड का उपयोग मनोग्रसित-बाध्यता विकार (ओसीडी) और घबराहट की समस्या के इलाज के लिए किया जाता है।

डॉक्टरों का कहना है कि फ्लुनिल एक अवसाद-रोधी है, जिसका उपयोग अवसाद और ओसीडी जैसे विकारों के उपचार में किया जाता है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि एटिवन एक एमजी टैबलेट का उपयोग चिंता विकारों के लिए किया जाता है, जबकि क्यूटीपिन 50 एक प्रेस्क्राइब्ड दवा है, जिसका उपयोग सिजोफ्रेनिया के उपचार में किया जाता है और यह वयस्कों में जेट-लैग का एक अल्पकालिक उपचार है।

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि एटिलाम 0.5 एमजी टैबलेट को एक प्रभावी चिंता-रोधी दवा माना जाता है। इस बीच, दो वरिष्ठ डॉक्टरों ने तर्क दिया कि अगर ये दवाएं किसी रोगी को दी जा रही हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह अवसाद में है।

दिल्ली के एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक ने आईएएनएस को बताया, "दवाओं का उपयोग डॉक्टरों द्वारा रोगी की स्थिति को देखते हुए निर्धारित किया जाता है। यह कहना पूरी तरह से अस्वीकार्य होगा कि ये दवाएं अवसाद के लिए दी गई थीं।"

डॉ. ने कहा, "एक मरीज का इलाज करते समय, हमें उसके व्यवहार और कई अन्य पहलुओं को देखने की जरूरत है। दवाइयां उस चक्र (सायकल) को सही करने के लिए निर्धारित की जाती हैं, जहां हम किसी भी विकार को देखते हैं या पाते हैं।"

डॉक्टर ने यह भी बताया कि लोनाजेप एक चिंता रोधी टैबलेट है और यह आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला टैबलेट है, जबकि डैक्सिड का उपयोग अवसाद के उपचार के लिए किया जाता है। वहीं क्यूटीपिन का उपयोग मन में घुमड़ रहे विचारों को संतुलित करने और नींद में सहायक के तौर पर किया जाता है।

इसी तरह, नींद के चक्र को बेहतर बनाने के लिए मेलाटोनिन का उपयोग किया जाता है और सुबह नींद में चलने वालों के लिए मोडलर्ट की सलाह दी जाती है। डॉक्टर ने कहा कि एटिलाम, लोनाजेप के ही परिवार (एक ही कैटेगरी) से है।

एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक ने भी कहा कि दवाओं के नाम को देखकर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि इनका उपयोग विशेष रूप से अवसाद के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इन दवाओं का इस्तेमाल चिंता और नींद की बीमारी के लिए भी किया जा सकता है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) सुशांत की मौत के कारणों की जांच में जुटी हुई हैं।

सीबीआई ने सुशांत की प्रेमिका रिया चक्रवर्ती, उनके पिता इंद्रजीत, उनके भाई शोविक, सुशांत की पूर्व प्रबंधक श्रुति मोदी, फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी, सुशांत के निजी कर्मचारी नीरज सिंह, केशव बच्चन, दीपेश सावंत और कई अन्य लोगों से पूछताछ की है।

ईडी ने भी पिछले एक महीने में कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

ईडी ने ड्रग्स एंगल सामने आने के बाद एनसीबी को जांच करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एनसीबी ने ड्रग्स मामले में अपनी भूमिका के लिए शुक्रवार को शोविक और पिठानी को गिरफ्तार किया था, जबकि सावंत और अन्य को भी पिछले एक सप्ताह में काबू किया गया है।

एनसीबी सोमवार को दूसरी बार मुंबई स्थित अपने कार्यालय में रिया के बयान दर्ज कर रही है। एजेंसी द्वारा रविवार को रिया से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement