Tuesday, June 24, 2025
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The Bhootnii Review: भूतिया कहानी की जान हैं 'बाबा', डर घोल रही 'मोहब्बत', हॉरर कॉमेडी में रोमांस का भी तड़का

1 मई 2025 को सिनेमाघरों में सनी सिंह, संजय दत्त, मोनी रॉय और पलक तिवारी स्टारर फिल्म 'द भूतनी' रिलीज हो गई है। फिल्म में हंसी के साथ हॉरर और रोमांस का भी तड़का देखने को मिल रहा है। जानें कैसी है फिल्म।

जया द्विवेदी
Published : May 01, 2025 10:46 IST
The Bhootnii Review
Photo: INSTAGRAM संजय दत्त और मौनी रॉय।
  • फिल्म रिव्यू: द भूतनी
  • स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
  • पर्दे पर: 1.05.2025
  • डायरेक्टर: सिद्धांत सचदेव
  • शैली: हॉरर कॉमेडी

इन दिनों जब हर हफ्ते  नई फिल्में रिलीज हो रही हैं, दर्शकों के लिए तय करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सी फिल्म देखने जाएं, लेकिन 'द भूतनी' एक ऐसी फिल्म है जो हंसी के फुल डोज दे रही है। इसके ट्रेलर की तरह ही फिल्म की कहानी में भी रोमांच हैं। कहानी में कई सरप्राइजिंग मोड़ भी हैं। हॉरर कॉमेजी फिल्म में एक रोमांटिक ड्रामा पेश किया गया है। फिल्म में मनोरंजक वन-लाइनर्स और क्लासिक हॉरर ट्रॉप्स हैं, जो हंसने पर मजबूर करेंगे और साथ ही इसे एक देखने लायक फिल्म बना रहे हैं। संजय दत्त, मौनी रॉय, सनी सिंह और पलक तिवारी स्टारर ये फिल्म कैसी है, कहानी में कितना दम है, किसका अभिनय बेहतर है, ये जानने के लिए पढ़ें पूरा रिव्यू। 

कहानी 

फिल्म की कहानी एक कॉलेज की है, जिसका नाम है सेंट विंसेंट कॉलेज। यहां हर साल वैलेंटाइन डे के आसपास एक पुराना पेड़ वर्जिन ट्री हस्यमय तरीके से एक्टिव हो जाता है। कॉलेज के लोग इसे मजाक समझते हैं, लेकिन धीरे-धीरे अजीब घटनाएं शुरू हो जाती हैं। जैसे-जैसे होली करीब आती है, माहौल और अजीब होता जाता है। ये 27 दिन की कहानी है, जिसमें डर है, हंसी है, दोस्ती है, प्यार है और साथ में थोड़ी बहुत टेंशन भी। हॉरर कॉमेडी की शुरुआत शांतनु (सनी सिंह) द्वारा पेड़ के सामने अपनी जिंदगी की सच्ची मोहब्बत पाने की चाहत जाहिर करने से होती है। इसके बाद कहानी प्रेजेंट में चलने लगती है, जहां उसका हाल ही में ब्रेकअप हुआ है। इसके बाद वह अपने दोस्तों साहिल (निक) और नासिर (आसिफ खान) के पास जाता है। शांतनु अनन्या (पलक तिवारी) का बहुत अच्छा दोस्त है, लेकिन वह इस बात से अनजान है कि वह उससे प्यार करती है। छोटी होली के दिन आत्महत्या करने वाले छात्र के बारे में ये कहानी है। पोस्टमार्टम से पता चलता है कि ये छात्र मिर्गी के दौरे के कारण मर गया और यह आत्महत्या जैसा लग रहा है।

 

तभी कॉलेज में भूत भगाने वाले बाबा (संजय दत्त) को लाया जाता है, वह कॉलेज का पूर्व छात्र भी है। शांतनु आगे बढ़ने की कोशिश करता है, तभी उसका सामना मोहब्बत (मौनी रॉय) नाम की एक लड़की से होता है। मोहब्बत असल में भूत हैं, इसका अंदाजा शांतनु को नहीं होता और वो उसके प्यार में पड़ जाता है और यहीं से मुसीबत की शुरुआत होती है। मोहब्बत शांतनु और उसके दोस्तों को अपने रिश्ते को बनाए रखने में मदद करने के लिए मजबूर करती है। इसके बाद जो होता है, वह आपको चौंका देगा। 

अभिनय

संजय दत्त ने 'बाबा' का रोल निभाया है जो भूतों को पकड़ने वाला है। उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे यह किरदार उनके लिए ही बना है। उनका अंदाज एकदम अलग है -कभी गंभीर, तो कभी मजेदार। वो हर सीन में अपना असर छोड़ते हैं। सनी सिंह शांतनु के रोल में हैं, जो फिल्म का मुख्य किरदार है। उनका मासूम चेहरा और सच्ची एक्टिंग, किरदार को और भी पसंदीदा बना देती है। पलक तिवारी ने एक इमोशनल किरदार निभाया है, जो पूरी फिल्म में संतुलन बनाए रखती है। मौनी रॉय, एक आत्मा ‘मोहब्बत’ बनी हैं, उनका लुक, एक्सप्रेशन और एक्टिंग सब कुछ दमदार है। वो डराती भी हैं और एक पल में बेचैनी भी महसूस करवा देती हैं। निकुंज शर्मा (BeYouNick) और आसिफ खान ने फिल्म में हंसी का तड़का लगाया है। उनकी टाइमिंग बहुत नेचुरल है, और जैसे ही स्क्रीन पर आते हैं, माहौल हल्का और मजेदार हो जाता है।

डायरेक्शन

'एक विलेन' जैसी फिल्म से पहचान हासिल करने वाले सिद्धांत सचदेव ने नए जॉनर को आजमाया है। हॉरर और कॉमेडी को साथ लाना आसान नहीं होता, वो भी तब जब लोगों ने पहले ही 'स्त्री' जैसी शानदार फ्रेंचाइजी के मजे लिए हों, लेकिन इस फिल्म में हंसाने और डराने दोनों में निर्देशक कामयाब हुए हैं। डायरेक्टर का विजन पर्दे पर देखने को मिला है। वैसे कुछ हिस्सों में सुधार की पूरी गुंजाइश थी। कहानी को थोड़ा खींचा गया है, जो बेहतर किया जा सकता था। कैमरावर्क काफी च्छा है। हॉस्टल की खाली गलियां, रात का धुंध वाला माहौल, सब कुछ बहुत सलीके से शूट किया गया है। एडिटिंग और बेहतर हो सकती थी। VFX ज्यादा ओवर नहीं हैं, लेकिन इनमें भी सुधार की पूरी गुंजाइश थी। वैसे हारर कॉमेडी होने के चलते वीएफएक्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। डायलॉग्स की बात करें तो वो मजेदार भी हैं और कई बार दिल से निकले हुए भी लगते हैं। फिल्म का म्यूजिक अच्छा है। इसके मेल से कहानी टूटी हुई नहीं, लगती बल्कि फ्लो मिल रहा है। महाकाल महाकाली सॉन्ग काफी प्रभावी है। 

आखिर कैसी है फिल्म

'द भूतनी' एक ऐसी फिल्म है जिसे आप सिर्फ डरने के लिए नहीं, एंटरटेनमेंट और इमोशन के लिए भी देख सकते हैं। ये फिल्म आपको हंसाती भी है, सोचने पर मजबूर भी करती है और सबसे जरूरी, बोर नहीं करती। अगर आप इस वीकेंड अपने दोस्तों या परिवार के साथ कुछ मजेदार और थोड़ा अलग देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को बकेट लिस्ट में एड कर सकते हैं।

 

 

 

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