Saturday, April 20, 2024
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सरकार को अपना 'अहंकार' छोड़कर ईंधन करों को कम करना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आम आदमी की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि उसे अपना "अहंकार" छोड़कर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) पर लगाए गए करों को कम करना चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 27, 2021 21:44 IST
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी- India TV Hindi
Image Source : PTI कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आम आदमी की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि उसे अपना "अहंकार" छोड़कर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) पर लगाए गए करों को कम करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 23.78 रुपये और 28.37 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त करों को तुरंत हटाना चाहिए। इससे ईंधन की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों पर करों को कम करने के लिए सरकार से अपील करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट के बीच आम आदमी पहले से ही बढ़ती मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से परेशाना है। 

सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस की मांग को दरकिनार कर सकते हैं लेकिन उन्हें कम से कम अपने उन बयानों को याद करना चाहिए जो उन्होंने केंद्र में संप्रग शासन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दिया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की सलाह पर भी गौर करना चाहिए कि ईंधन की बढ़ती कीमतों का व्यापक प्रभाव होगा। संप्रग शासन के दौरान मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा, ‘‘कांग्रेस और देश का आपसे आग्रह है कि संप्रग कार्यकाल के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए आप अपनी खुद की आवाज सुनें।’’ उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर से कर हटाने को लेकर दुविधा में होने संबंधी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को लेकर उन पर भी निशाना साधा।

सिंघवी ने सवाल किया, ‘‘कौन सा धर्म संकट और बाधा है कि वित्त मंत्री भी कर में कमी नहीं कर पा रही हैं। क्या प्रधानमंत्री उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं? ” सिंघवी ने कहा कि यह "शर्मनाक" है कि मई 2014 से कच्चा तेल 39.2 प्रतिशत सस्ता है, जबकि मोदी सरकार में पेट्रोल और डीजल क्रमश: 27.5 और 42.2 प्रतिशत महंगा है। उन्होंने कहा कि यह "उलटा चलन’ है जहां वैश्विक दरें घट रही हैं, लेकिन घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। सिंघवी ने दावा किया कि इस सरकार ने पिछले 20 दिनों में 14 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की। उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार लोगों के लिए सबसे महंगी सरकार रही है, जिसने लोगों पर भारी कर लगाया है। यह अभिमानी सरकार लोगों की समस्याओं को स्वीकार करने या उन्हें कोई राहत देने को तैयार नहीं है। उसने सिर्फ 'फूट डालो, धोखा दो, ध्यान भटकाओ और भूल जाओ’ की कोशिश की है और ये 'हम दो, हमारे दो सरकार' के पसंदीदा शब्द हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सरकार ने पिछले छह वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाकर 21.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी और दिल्ली में पेट्रोल 71.51 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा था। कांग्रेस नेता ने कहा कि 25 फरवरी, 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65.70 डॉलर प्रति बैरल है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 91.17 रुपये और डीजल की कीमत 81.47 रुपये प्रति लीटर है।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासन में पेट्रोल की दरों में 820 प्रतिशत और डीजल में 258 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों में रसेाई गैस की कीमत में 200 रुपये की वृद्धि हुई है। सिंघवी ने कहा, "हम पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 23.87 रुपये और 28.37 रुपये प्रति लीटर की तत्काल कटौती की मांग करते हैं, यह कोई एहसान नहीं है बल्कि महामारी के समय लोग राहत के हकदार हैं।"

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