Thursday, April 25, 2024
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नेत्रहीन बेटी को लेकर दिल्ली से 800 किलोमीटर दूर अपने गांव पैदल ही निकल गए सिकंदर शर्मा

केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है।

Manoj Kumar Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Published on: March 27, 2020 17:46 IST
नेत्रहीन बेटी को लेकर...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV नेत्रहीन बेटी को लेकर दिल्ली से 800 किलोमीटर दूर अपने गांव पैदल ही निकल गए सिकंदर शर्मा

नई दिल्ली: केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू है और इसकी वजह से पूरे देश सहित दिल्ली में भी तमाम व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। पूर्वी दिल्ली में बाहरी राज्यों से आए दिहाड़ी मजदूर भारी संख्या में रहते हैं, कुछ अपने परिवार के साथ तो कुछ अकेले। लेकिन, लॉकडाउ की वजह से सभी की दिहाड़ी बंद हो गई है।

ऐसे ही दिहाड़ी मजदूरों में से एक सिकंदर शर्मा हैं जो अपनी नेत्रहीन बेटी के साथ उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर से आकर दिल्ली में रह रहे थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी रोज कमाई का जरिया खत्म हो चुका है। हालात जल्द नहीं सुधरने की आशंका जान सिकंदर शर्मा अपनी बेटी को साथ लेकर पैदल ही अपने गांव सिद्धार्थ नगर के लिए निकल गए। उन्होंने बताया कि अभी हालात पता नहीं कब सुधरेंगे और यहीं रहे तो खाने पीने के लाले पड़ सकते हैं, ऐसे में समय रहते अपने गांव निकल रहे हैं। 

सिकंदर शर्मा ने बताया कि उनका गांव दिल्ली से लगभग 800 किलोमीटर दूर है और फिलहाल वे पैदल चल रहे हैं लेकिन उनको उम्मीद है कि आगे बस मिल जाएगी। हालांकि, सिकंदर शर्मा ने यह भी बताया कि वे अपनी बेटी के साथ अकेले नहीं जा रहे हैं बल्कि उनके साथ गांव के और लोग भी हैं, लेकिन बेटी नेत्रहीन है ऐसे में परेशानी ज्यादा हो रही है। देशभर में सिकंदर शर्मा जैसे हजारों लोग होंगे जिन्हें इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा होगा।

नेत्रहीन बेटी को लेकर दिल्ली से 800 किलोमीटर दूर अपने गांव पैदल ही निकल गए सिकंदर शर्मा

Image Source : INDIATV
नेत्रहीन बेटी को लेकर दिल्ली से 800 किलोमीटर दूर अपने गांव पैदल ही निकल गए सिकंदर शर्मा

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में जब से लॉकडाउन लागू किया गया है तभी से दैनिक मजदूरी करने वाले लोग दिल्ली से पलायन कर रहे हैं। ऐसे ही पलायन करने वाले लोगों का एक ग्रुप हमें दिल्ली के अक्षरधाम फ्लाइओवर पर मिला, सभी लोग करीब 20-25 ठेली-रिक्शा लेकर आगे बढ़ रहे थे, बात की तो पता चला कि बिहार के सहरसा जा रहे हैं और ठेली रिक्शा से वहां पहुंचने में 7-8 दिन लगेंगे।

केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है।

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केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है।

इन लोगों ने बताया कि वे सभी पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर, कैलाशनगर में मजदूरी करते हैं और ठेली रिक्शा चलाते हैं। लेकिन, लॉकडाउ की वजह से काम धंधा बंद है और लंबे समय तक अगर दिल्ली में टिके रहे तो खाने के लाले पड़ सकते हैं। लॉकडाउन से लोगों को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार अपने स्तर पर काम भी कर रही है, लेकिन जो लोग दैनिक दिहाड़ी पर अपना घर चलाते हैं उनके लिए सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी हो गई है।

केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है।

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केंद्र और दिल्ली सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद दिल्ली से गरीब तबके का पलायन रुक नहीं रहा है।

दिल्ली में सरकार ने लोगों के खाने पीने और जरूरी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था जरूर की है, लेकिन सभी लोगों के मन में कोरोना वायरस के डर के साथ अपनी रोजी रोटी का भी डर सता रहा है और यही वजह है कि वे दिल्ली से निकलकर अपने गांव की तरफ पलायन कर रहे हैं।

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