Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली सरकार कर रही आंदोलनकारी किसानों की मदद, मुहैया कराई सुविधाएं

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि किसानों को सुविधाएं दी जा रही हैं। शुक्रवार को इन सुविधाओं का जायजा लेने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन खुद सिंघु बॉर्डर भी गए। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 04, 2020 16:08 IST
दिल्ली सरकार कर रही आंदोलनकारी किसानों की मदद, मुहैया कराई सुविधाएं- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली सरकार कर रही आंदोलनकारी किसानों की मदद, मुहैया कराई सुविधाएं

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा सितंबर माह में लागू किए गए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए हजारों की संख्या में किसान, ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान पर अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हुए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं, जिसकी वजह से ट्रैफिक का हाल बेहद बुरा है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की बाहर बॉर्डरों पर ढेरा डाले हुए हैं और अपनी मांगों को बुलंद कर रहे हैं। हालांकि, सरकार से भी बातचीत चल रही है लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला है।

ऐसे में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि किसानों को सुविधाएं दी जा रही हैं। शुक्रवार को इन सुविधाओं का जायजा लेने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन खुद सिंघु बॉर्डर भी गए। सत्येंद्र जैन ने बताया, "आज मैंने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। बॉर्डर पर 300 से ज्यादा टॉयलेट दिल्ली सरकार ने लगाए हैं, पानी के लिए 100 से अधिक टैंकर और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं।"

बता दें कि किसानों से ‘‘दिल्ली चलो’’ का आह्वान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया था और राष्ट्रीय किसान महासंघ तथा भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के विभिन्न गुटों ने इस आह्वान को अपना समर्थन दिया। यह मार्च संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में हो रहा है। राष्ट्रीय किसान महासंगठन, जय किसान आंदोलन, ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (दकुंडा), बीकेयू (राजेवाल), बीकेयू (एकता-उगराहां), बीकेयू (चादुनी) इस मोर्चे में शामिल हैं।

ज्यादातर प्रदर्शनकारी पंजाब से हैं लेकिन हरियाणा से भी अच्छी खासी संख्या में किसान आए हैं। इनके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से भी ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन को समर्थन मिलने लगा है, यहां से भी किसान अब दिल्ली पहुच रहे हैं। जिन कानूनों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वे कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम- 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 हैं।

पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलायेंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा। किसानों को डर है कि नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली के एक प्रकार से खत्म हो जाने के बाद उन्हें अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा और उन्हें रिण उपलब्ध कराने में मददगार कमीशन एजेंट ‘‘आढ़ती’’ भी इस धंधे से बाहर हो जायेंगे। 

किसानों की अहम मांग तीनों नए कानूनों को वापस लेने की है, जिनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान संगठन इस कानूनी आश्वासन के बाद मान भी जायेंगे कि आदर्श रूप से इन कानूनों में एक संशोधन के माध्यम से एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी। ये किसान प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 को भी वापस लेने पर जोर दे रहे हैं। उन्हें आशंका है कि इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद उन्हें बिजली में मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी। 

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