Friday, March 29, 2024
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दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंची, प्राइवेट गाड़ियां बैन करने पर विचार

प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 31, 2018 8:51 IST
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दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंची, प्राइवेट गाड़ियं बैन करने पर विचार 

नयी दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस मौसम में मंगलवार को पहली बार बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। इस बीच, अधिकारियों ने निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ एक से 10 नवंबर के बीच ईंधन के रूप में कोयला और बायोमास के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। साथ ही, निजी वाहनों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी करने पर भी विचार किया जा रहा है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने सरकारी एजेंसियों को ये निर्देश जारी किए हैं जिनमें ‘हॉट स्पॉट’ (संवेदनशील क्षेत्रों) में गश्त में तेजी लाने के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बर्दाश्त नहीं करना भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस मौसम में मंगलवार को बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारियों ने बताया कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह इस मौसम में उच्चतम स्तर है। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को देखते हुए ईपीसीए निजी वाहनों के उपयोग का नियमन करने पर भी विचार कर रही है। दिल्ली-एनसीआर में कुल 35 लाख निजी वाहन हैं।

‘सफर’ ने एक स्वास्थ्य परामर्श जारी करते हुए प्रदूषण से बचने के लिए दिल्लीवासियों से केवल मास्क पर नहीं निर्भर रहने को कहा है। साथ ही, बाहरी काम-काज से बचने और सुबह की सैर पर नहीं जाने को कहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘यदि कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें, कोई भी चीज जलाने से बचें - जिसमें लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी शामिल है।’’ परामर्श में समय समय पर गीला पोंछा लगाने और बाहर जाने पर एन 95 या पी 100 मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की जिलाधीश ने तत्काल प्रभाव से निर्माण गतिविधियां रोकने और वायु को प्रदूषित करने वाली इकाइयों को बंद करने का निर्देश दिया। ऋतु माहेश्वरी द्वारा दिया गया आदेश निर्माण गतिविधियों के संबंध में 10 नवंबर तक और वायु प्रदूषित करने वाली इकाइयों के लिए 30 नवंबर तक प्रभावी रहेगा।

केन्द्र सरकार ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु की खराब गुणवत्ता को देखते हुये पटाखों से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ने को रोकने के लिये उच्चतम न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने की प्रतिबद्धता जताई है और केवल ऐसे पटाखों का बिक्री को अनुमति दिए जाने की बात कही है जो पर्यावरण अनुकूल हैं।

हालांकि, सोमवार को पर्यावरण अनुकूल पटाखों की शुरुआत करते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने यह माना कि ये पटाखे इस साल दीपावली पर नहीं उपलब्ध हो पाएंगे। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर नजर बनाए रखने के दिल्ली सरकार द्वारा बृहस्पतिवार से 44 संयुक्त टीमें तैनात की जाएंगी।

दिल्ली परिवहन विभाग ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय एवं एनजीटी के आदेशों का उल्लघंन कर पेट्रोल से चलने वाले 15 साल से पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल से पुराने वाहन अगर शहर की सड़कों पर नजर आएंगे तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा।

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