Friday, May 03, 2024
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गलवान में 15 जून की रात तीन बार चीनी PLA से भिड़ी भारतीय सेना, हर साजिश को कर दिया नाकाम

इस संघर्ष के बाद दोनों सेनाओं के बीच मेजर जनरल लेवल टॉक्स सुबह से शुरू हुई, जो तीन दिन तक चलने के बाद फिर स्थिति सामान्य हुई, लेकिन अभी भी पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर तनाव बरकरार है।

Manish Prasad Written by: Manish Prasad @manishindiatv
Updated on: June 21, 2020 23:16 IST
Galwan- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV गलवान में 15 जून की रात तीन बार चीनियों से भिड़ी भारतीय सेना

नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद तनाव और भी बढ़ा हुआ है। गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, इन जवानों ने अपनी शहादत देने से पहले चीन के 43 जवानों को मार गिराया। आइए आपको बतातें हैं गलवान की इनसाइड स्टोरी।

गलवान की घटना भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य की ऐसी गाथा है, जिसे जानकर आपका अपनी सेना के प्रति सम्मान और भी ज्यादा बढ़ा जाएगा। दरअसल गलवान की घटना से लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत के दौरान यह तय हुआ था कि गलवान में LAC के पास से चीन अपने सैनिकों को साझोसामान के साथ पीछे हटाएगा। चीन ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया, लेकिन 15 जून की शाम आते आते स्थिति बदलने लगी। भारतीय सेना को चीन की चाल का अंदाजा भी होने लगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्थिति का जायजा लेने के लिए खुद कंपनी कमांडर संतोष बाबू  कुछ जवानों को लेकर उस इलाके की तरफ गए। यहां PP14 के नजदीक चीनी सेना का कैंप लगा हुआ था। चीन ने न सिर्फ इस कैंप को दोबारा लगाया था बल्कि पूरी पलटन ही बदल दी थी। ये नई पलटन हाह ही में युद्ध अभ्यास कर लौटी थी और पहले वाली यहां से जा चुकी थी।

कर्नल संतोष बाबू ने इस पलटन से  लेफ्टिनेंट जनरल लेवल टॉक्स का हवाला देते हुए इस इलाक़े को ख़ाली करने के लिए कहा, जिसपर चीनियों ने उनपर हमला कर दिया और फिर ये मामला गंभीर हो गया। ये करीब शाम के 7 बजे का समय रहा होगा। भारत के 35 जवान चीन की पीएलए से भिड़ रहे थे। इस दौरान दोनों तरफ के सैनिक चोटिल हुए लेकिन भारतीय सेना चीनी PLA पर भारी पड़ी और उनके टैंट को उखाड़ फेका और उनके प्रतीकों को मिटा दिया।

सूत्रों के अनुसार, CO कर्नल संतोष बाबू ने इस दौरान मामला शांत करवाने की कोशिश की लेकिन चीनी जवान मानने को बिलकुल तैयार नहीं थे। इस दौरान उन्होंने घायल भारतीय जवानों को वापस भेज दिया। इस विवाद के बाद रात करीब 9 बजे बातचीत के दौर फिर शुरू होना था, लेकिन इससे पहले ही चीनी सैनिकों ने पत्थर बरसाना शुरू कर दिया और इसी बीच एक पत्थर कर्नल संतोष बाबू के सिर पर लगा और वो नदी में गिर गए। उनके साथ एक जवान के भी चोट चली।

इसबार लड़ाई करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान घायलों को लेकर भारतीय सेना के जवान अपने कैंप में आए और तब तक ये ख़बर आग की तरह फैल चुकी थी कि चीनी PLA ने भारतीय सेना की 16 बिहार के कर्नल बाबू पर वार किया है। इसी बीच चीन अपने UAV के ज़रिए नाइट विजन डिवाइस और थर्मल इमेजिंग के ज़रिये देखना चाहता था कि भारतीय सेना के कैंपों में क्या स्थिति है और कितने ज़ख़्मी हो गए हैं लेकिन भारतीय सेना इसे भांप चुकी थी।

इसके बाद LAC पर तैनात इन जवानों की मदद के लिए भारतीय सेना के और जवानों के साथ-साथ घातक प्लाटून के जवान भी आ गए।  इसके बाद 11 बजे लड़ाई का तीसरा दौर शुरू हुआ, जो चीन के कब्जे वाले लद्दाख की तरफ लड़ा गया। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनियों की जमकर खबर ली। पहले से गुस्से में भारतीय सैनिक चीनियों पर टूट पड़े। हालांकि इस दौरान चीन ने हमारे 10 जवानों को बंदी बना लिया। इंडिया टीवी को सूत्रों ने बताया कि इस दौरान भारतीय सेना ने भी कई चीनियों को पकड़ बना लिया।

इस संघर्ष के बाद दोनों सेनाओं के बीच मेजर जनरल लेवल टॉक्स सुबह से शुरू हुई, जो तीन दिन तक चलने के बाद फिर स्थिति सामान्य हुई, लेकिन अभी भी पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर तनाव बरकरार है। अभी इन हालातों के बीच भारतीय सेना ने पैंगोंग सौ की फिंगर चार पर अपनी तैनाती और बढ़ा दी है और साथ में गोगरा पोस्ट, पेट्रोलिंग पॉइंट 14, पेट्रोलिंग पॉइंट पंद्रह और पेट्रोलिंग पॉइंट सत्रह की हर एक स्थिति वो गंभीरता के साथ देखा जा रहा है।

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