Friday, March 29, 2024
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दिसंबर 2018 तक भारतीय रेल इंजनों में होगा यह बड़ा बदलाव

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रणाली का परीक्षण नई दिल्ली से गुवाहाटी और नई दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग पर बिजली से चलने वाले छह इंजनों पर किया जा चुका है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 03, 2018 18:24 IST
Train engine- India TV Hindi
Train engine

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे ने वर्ष 2018 में अपने सभी रेल इंजनों को इसरो के उपग्रहों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अधिकारियों ने बताया कि इससे ट्रेन की वास्तविक स्थिति का पता लगाना और चालक दल के सदस्यों से संपर्क करना आसान हो जायेगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने  बताया कि साल के अंत तक रेलवे के सभी 10,800 इंजनों में एंटेना लगाए जाएंगे और चालक कक्ष के अंदर से इनकी निगरानी की जाएगी। 

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, “हम पहले ही 10 इंजनों में यह करके देख चुके हैं और दिसंबर 2018 तक यह प्रणाली हमारे सभी इंजनों में लगाई जा चुकी होगी।” अधिकारियों ने बताया कि इस प्रणाली का परीक्षण नई दिल्ली से गुवाहाटी और नई दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग पर बिजली से चलने वाले छह इंजनों पर किया जा चुका है। 

रेलवे, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के साथ भी काम कर रहा है ताकि उसके उपग्रह आधारित सिस्टम का इस्तेमाल वह मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं और ट्रेन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कर सके। इसरो के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम करते हुए रेलवे ने कुछ ट्रेन इंजनों पर एजेंसी द्वारा विकसित इंटिग्रेटेड सर्किट (आईसी) चिप लगाया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली का इस्तेमाल मानवरहित क्रॉसिंग में लगाए गए हॉर्न के जरिए सड़क उपयोगकर्ताओं को करीब आ रही ट्रेनों के प्रति आगाह करने के लिए करेगा। 

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