नई दिल्ली:सूचना के हाइवे पर आज संसार दौड़ रहा और लोग एक दूसरे से कनेक्ट भी हो रहे हैं,ऐसे में सूचना के प्रवाह का माध्यम भी तेजी से बदल रहा है,ऐसे में समाचार पत्र,टीवी चैनल और डिजिटल मीडिया तीनों ही माध्यम सूचना स्रपेषण की जरूरत बन गए है ऐसे में एक ऐसे मीडिया स्कूल की जरूरी हो गए हैं जहां आज के युवा बेतहतर पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ सकें,और इस जरूरत को पूरा करने के लिए ही दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नजिल्म (Delhi School of Journalism) की शुरुआत की गई है। दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म (DSJ) अपनी शुरुआतके 4 माह में ही अपने पैरो पर खड़ा हो गया है और संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे युवा छात्रों को आज के दौर में बदलते मीडिया कल्चर की बेहतर शिक्षा देने का काम कर रहा है। दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म (Delhi School of Journalism) अपने छात्रों को ऐसी शिक्षा दे रहा है जिसके माध्यम से वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें और आज के प्रतियोगी समय में आगे बढ़ सकें।
दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म (Delhi School of Journalism) को शुरु हुए चार माह दस दिन हो गए हैं और 7 फरवरी को पहले सेमेस्टर की परीछांए समाप्त हो रही हैं। दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म (Delhi School of Journalism) 4 माह में ही अपने युवा छात्रों के साथ बेहतर शिक्षा देते हुए नई मंजिलों की तरफ बढ़ चला है। 3 सुसज्जित कमरें कक्षाओं के लिए 200 कुर्सियों और प्रोजेक्टर के साथ तैयार किए गए हैं।
छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए एक कॉमन रूम भी है। 250 पुस्तकों के साथ लाइब्रेरी भी स्थापित कि गई है , जो अगले 4 सेमेस्टर के लिए पुस्तकों कि आवश्यकता को पूर्ण करती है। अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, बंगाली और संस्कृत और के समाचार पत्र हिंदी और अंग्रेजी व हिंदी कि पत्रिकाएं भी नियमित रूप से छात्रों को उपलब्ध करवाई गयीं हैं।
दिल्ली स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म में एक डिजिटल मीडिया लैब स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो जुलाई 2018 तक कार्यान्वित हो जाएगी।
प्रसिद्ध पत्रकारों, मीडिया हस्तियों और शिक्षाविदों द्वारा आयोजित नियमित कार्यशालाएं पूरे सत्र में आयोजित की गई हैं और अब दूसरे सेमेस्टर में भी इनका आयोजन किया जाएगा।
16 फरवरी 2018 दूसरे सेमेस्टर में छात्रों के लिए थियेटर, फोटोग्राफ़ी, क्विज़ और वाद विवाद के अभ्यास के लिए कक्षाएं निर्धारित कि गई हैं। हमारे छात्र पहले से ही दिल्ली विश्वविद्यालय में विभिन्न इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में पुरस्कार जीत चुके हैं।
स्कूल, दो रेगुलर अध्यापक व 12 गेस्ट अध्यापक, जो विशेष पत्रों और भाषा के पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए है। दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों के विभिन्न कॉलेजों के शिक्षकों को इन कक्षाओं को लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। जुलाई 2018 में दूसरे बैच के साथ स्कूल विस्तार के लिए और अधिक कमरे तैयार कर रहा है।