Saturday, April 20, 2024
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'एक दिन की मुख्यमंत्री’ बनीं सृष्टि गोस्वामी, कुर्सी पर बैठ किए ये-ये काम

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर रविवार को हरिद्वार जिले की छात्रा सृष्टि गोस्वामी ने उत्तराखंड की ‘एक दिन की बाल मुख्यमंत्री’ बनकर विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली और उनका प्रस्तुतिकरण देखा।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: January 24, 2021 22:22 IST
'एक दिन की मुख्यमंत्री’ बनीं सृष्टि गोस्वामी, कुर्सी पर बैठ किए ये-ये काम- India TV Hindi
'एक दिन की मुख्यमंत्री’ बनीं सृष्टि गोस्वामी, कुर्सी पर बैठ किए ये-ये काम

देहरादून: राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर रविवार को हरिद्वार जिले की छात्रा सृष्टि गोस्वामी ने उत्तराखंड की ‘एक दिन की बाल मुख्यमंत्री’ बनकर विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक ली और उनका प्रस्तुतिकरण देखा। गोस्वामी ने बैठकों के दौरान बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान किए जाने, कॉलेजों के नजदीक मादक पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने जैसे अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रेरणा तथा मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी के समन्वित प्रयासों से हुए इस कार्यक्रम के तहत सृष्टि की अध्यक्षता में उत्तराखंड विधानसभा में बाल विधायक सदन का आयोजन किया गया। इसमें न केवल बाल नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सदन में सरकार के समक्ष प्रश्न उठाया बल्कि बाल मुख्यमंत्री सृष्टि तथा उनके बाल मंत्रियों ने उनका क्रमवार उत्तर भी दिया। 

मुख्यमंत्री रावत ने बाल सदन की कार्यवाही को प्रदेश की बालिकाओं का सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बालिकाओं को अपनी पहचान नाने में मदद मिलेगी। रावत ने कहा, ‘‘बालक कल के नागरिक हैं। हमारे ये भावी कर्णधार देश को बेहतर दिशा की ओर ले जाएं, इसके लिए आवश्यक है कि इन्हें समसामायिक विषयों के साथ ही विधायिका के स्तर पर होने वाले कार्यों की जानकारी भी रहे।’’ 

कार्यक्रम में बाल विकास विभाग ने जहां महिलाओं और बच्चों से सबन्धित अपराध तथा उनके उन्मूलन के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया वहीं पुलिस विभाग ने बाल अपराध, साइबर अपराध, नशा मुक्ति अभियान के लिए ‘ऑपरेशन सत्य’ तथा बाल तस्करी मुक्ति हेतु ‘ऑपरेशन स्माइल’ के उदाहरण प्रस्तुत किये। इसके अतिरिक्त उद्योग, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, आदि विभागों ने भी प्रस्तुतिकरण दिया। 

इस मौके पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने मुख्यमंत्री रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बालिकाओं और बच्चों को इस तरह के बाल सदन में अवसर देने से उन्हें जीवन में और आगे बढने तथा कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। विभागों की समीक्षा और प्रस्तुतिकरण के दौरान बाल मुख्यमंत्री सृष्टि ने कई महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये। 

उन्होंने बालिकाओं को विद्यालय आने जाने के लिए खासतौर से वाहनों में सुरक्षित माहौल बनाने, घरेलू हिंसा, नशाखोरी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने तथा महिलाओं के लिए सुरक्षित, सहज और सर्व स्वीकार्य वतावरण बनाने के सुझाव दिये। कार्यक्रम के बाद में सृष्टि ने संवाददाताओं से बातचीत भी की। 

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सृष्टि ने अपनी तुलना फिल्म ‘नायक’ के हीरो से किए जाने पर कहा कि वह तो सिनेमा था और असल जीवन में बाल मुख्यमंत्री बनकर वह बहुत उत्साहित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बाल सदन से निकले सुझावों को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपा जाएगा जिन्हें वह आगे मुख्यमंत्री रावत को सौंपेगा। 

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