Tuesday, March 19, 2024
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वैक्सीन बनाने का काम आखिरी दौर में, वैक्सीन की कीमत कितनी होगी तय नहीं- पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के मैनेजमेंट को लेकर अब देश के पास एक व्यापक अनुभव है, आगे की रणनीति बनाते समय बीते कुछ महीनों के दौरान देश के समाज ने कैसे रिएक्ट किया है, कोरोना के दौरान भारत के लोगों का व्यव्हार भी एक तरह से अलग अलग चरणों में रहा है और अलग अलग तरह का रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 24, 2020 15:16 IST
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Image Source : PTI  कोरोना कंट्रोल पर क्या है पीएम नरेंद्र मोदी का प्लान?

नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना को लेकर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। मीटिंग के बाद पीएम ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैक्सीन की स्थिति और डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर भी जो कुछ चर्चा हुई है, मीडिया में जो चलता है वो अलग है लेकिन सत्यतता से ही आगे बढ़ना पड़ेगा क्योंकि हम सिस्टम का हिस्सा है। लेकिन फिर भी काफी चित्र स्पष्ट हुआ है, एक समय हमारे सामने अनजान ताकत से लड़ऩे की थी। लेकिन देश के संगठित प्रयासों ने इस चुनौती से मुकाबला किया नुकसान को कम से कम रखा, आज रिकवरी रेट और मृत्युदर के मामले में भारत दुनिया के अधिकतर देशों से बहुत संभली हुई स्थिति में है।

वैक्सीन बनाने का काम अंतिम दौर में- पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन को लेकर देश और इंटरनेशल स्तर पर जिस तरह की खबरें आ रही हैं, करीब-करीब अंतिम दौर पर वैक्सीन की रिसर्च पर काम पहुंचा है। भारत सरकार हर डेवल्पमेंट पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। अभी यह तय नहीं है कि वैक्सीन की एक डोज होगी दो होगी या तीन होगी, अभी भी इन सारी चीजों के सवालों के जवाब हमारे पास नहीं हैं। हमें इन सभी चीजों को वैश्विक संदर्भ में ही आगे बढ़ना होगा। हम भारतीय डेवलपर्स और मैन्युफैक्चरर्स के साथ भी हमारी टीम काम कर रही है वह पूरी तरह सक्षम है। 

हमारी प्राथमिकता यही होगी की सभी तक वैक्सीन पहुंचे- पीएम मोदी

उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता यही होगी की सभी तक वैक्सीन पहुंचे, इतना बड़ा टीकाकरण अभियान मूलभूत हो और लंबा चलने वाला हो इसके लिए हम सभी को, हर सरकार को, हर संगठन को मिलकर एक टीम बनकर काम करना ही होगा। भारत के पास वैक्सीन को लेकर जैसा अनुभव है वह दुनिया के बड़े बड़े देशों के पास नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा वह हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी, वैक्सीन के वितरण की तैयारी भी आप सभी राज्यों के साथ मिलकर की जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें कितनी अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज की जरूरत रहेगी, इसको लेकर राज्यों को काम करना शुरू कर देना चाहिए। 

टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश में आज टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है और इस नेटवर्क का लगातार विस्तार किया जा रहा है, पीएम केयर के जरिए ऑक्सीजन और वेंटीलेटर उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर है, कोशिश है कि देश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों को ऑक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए, 160 संयंत्र शुरू हो गए हैं।

अब देश के पास एक व्यापक अनुभव- पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के मैनेजमेंट को लेकर अब देश के पास एक व्यापक अनुभव है, आगे की रणनीति बनाते समय बीते कुछ महीनों के दौरान देश के समाज ने कैसे रिएक्ट किया है, कोरोना के दौरान भारत के लोगों का व्यव्हार भी एक तरह से अलग अलग चरणों में रहा है और अलग अलग तरह का रहा है। पहले चरण में हर कोई डरा हुआ था और उसी तरह से रिएक्ट भी कर रहा था, इसके बाद दूसरे चरण में लोगों के मन में भय के साथ दूसरों के लिए संदेह भी जुड़ गया, बीमारी की वजह से समाज में कटने का डर लोगों को लगने लगा। इस कारण कई लोग संक्रमण को छिपाने लगे।

लापरवाही न बरतें- पीएम मोदी

उन्होंने आगे कहा कि अब तीसरे चरण में लोग काफी हद तक संभलने लगे और खुद के बारे में बताने भी लगे के मुझे तकलीफ है या आइसोलेट हूं, तीसरे चरण के बाद अब चौथे चरण में पहुंचे जब कोरोना से रिकवरी का रेट बढ़ा तो लोगों को लगता है कि वायरस कमजोर हो गया है, लोग यह भी सोच रहे हैं कि संक्रमित भी हो गए तो ठीक हो जाएंगे, इस वजह से लापरवाही बहुत ज्यादा बढ़ी, इसी को ध्यान में रखते हुए त्यौहारों से पहले देश के नाम संदेश में कहा था कि लापरवाही न बरतें।

'आपदा के गहरे समंदर से हम निकलकर किनारे की तरफ हम बढ़ रहे हैं'

चौथे चरण में लोगों को कोरोना की गंभीरता के प्रति लोगों को फिर से जागरूक करना होगा, वैक्सीन पर काम होता रहेगा लेकिन किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतनी पड़े, शुरू में कुछ बंधन इसलिए बनाने पड़े ताकि कुछ व्यवस्थाएं भी विकसित करनी पड़ी, अब हमारे पास टीम तैयार है लोग तैयार हैं, थोड़ा आग्रह रखेंगे तो चीजें संभल सकती हैं। और हमें आगे केस बढ़े नहीं इसकी चिंता जरूर करनी होगी। आपदा के गहरे समंदर से हम निकलकर किनारे की तरफ हम बढ़ रहे हैं, ऐसा न हो जाए कि हमारी किस्ती वहां डूबी जहां पानी कम था

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