Friday, May 10, 2024
Advertisement

Rajat Sharma’s Blog: कैप्टन आउट, सिद्धू हिट विकेट, पार्टी क्लीन बोल्ड!

हाल ये है कि पंजाब में इतना बड़ा संकट है, पार्टी के बड़े-बड़े नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ दी, सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में असन्तुष्ट सक्रिय हैं, लेकिन लेकिन राहुल गांधी केरल चले गए और प्रियंका यूपी गई हैं। 

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: October 01, 2021 16:21 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.  

पंजाब कांग्रेस में लगी जंगल की आग की लपटें अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है। बिगड़ते हालात के बीच पार्टी नेतृत्व को यह सूझ नहीं रहा है कि इस संकट से कैसे निपटा जाए। वो भी ऐसा संकट जो नेतृत्व की खुद की गलतियों की वजह से उत्पन्न हुआ। पंजाब कांग्रेस के शिखर नेताओं में से एक, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को ऐलान कर दिया कि अब वो कांग्रेस के साथ नहीं हैं। उन्होंने उस कांग्रेस को छोड़ने का ऐलान कर दिया जिससे वह पिछले 23 साल से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में 52 साल से हूं, मेरी अपनी मान्यताएं हैं, मेरे अपने सिद्धांत हैं। जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ किया गया है..अगर आप 50 साल बाद मुझ पर शक करते हैं और मेरी विश्वसनीयता दांव पर है, अगर मुझपर भरोसा नहीं है तो फिर मेरे पार्टी में रहने का मतलब क्या है? दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से मुलाकात के बाद चंडीगढ़ वापस लौटने के बाद उन्होंने यह बात कही। 

 
कैप्टन ने संकेत दिया कि वह एक नई पार्टी बना सकते हैं। उन्होंने बीजेपी में शामिल होने से इनकार किया, लेकिन पार्टी के साथ भविष्य में किसी भी गठजोड़ से इनकार नहीं किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह गांधी परिवार के उन दिनों से पारिवारिक मित्र थे, जब वे और राजीव गांधी एक ही स्कूल में पढ़ते थे। कैप्टन ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी के विनाश की भविष्यवाणी की। कैप्टन ने कहा, ‘कांग्रेस पतन की ओर जा रही है। पंजाब के लोगों को नवजोत सिद्धू पर कोई भरोसा नहीं है।" उन्होंने आने वाले चुनाव में सिद्धू को हराने का संकल्प लिया।
 
जहां तक कैप्टन और बीजेपी के बीच गठजोड़ की संभावनाओं का सवाल है तो हमें पंजाब की मौजूदा सियासत को और कांग्रेस की आज की हालत को समझना होगा। हमें बीजेपी की जरूरत और कैप्टन की मजबूरी को समझना होगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के बड़े नेता हैं लेकिन वे कांग्रेस छोड़ चुके हैं और उनके पास फिलहाल कोई पार्टी नहीं है। बीजेपी पंजाब में एक बड़ी पार्टी है लेकिन बीजेपी के पास कोई बड़ा पंजाबी सिख नेता नहीं है। यानी कैप्टन को पार्टी की जरूरत है और बीजेपी को कैप्टन की ।
 
फिलहाल अमरिन्दर सिंह ये कह रहे हैं कि वो कांग्रेस छोड़ेंगे लेकिन बीजेपी में नहीं जाएंगे। लेकिन कल क्या होगा कोई नहीं जानता। क्योंकि दो दिन पहले कैप्टन साहब ने कहा था कि वो दिल्ली में  सिर्फ मकान खाली करने आए हैं। वह किसी राजनेता से नहीं मिलेंगे। लेकिन उन्होंने अमित शाह औऱ एनएसए अजित डोवल से मुलाकात की। अगर कोई ये कहता है कि ये मीटिंग अचानक फिक्स हो गई तो मैं कहूंगा कि ये सही नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और अमित शाह से मुलाकात पहले तय हो चुकी थी। इसलिए कुछ भी हो सकता है। लेकिन 2 बात पक्की है। पहली बात ये कि अब कैप्टन कांग्रेस में वापस नहीं जाएंगे और दूसरी, कैप्टन अपनी सारी ताकत सिद्धू को और पंजाब में कांग्रेस को सबक सिखाने में लगाएंगे। ये अलग बात है कि कांग्रेस अब ये नहीं जानती कि सिद्धू उनके साथ रहेंगे या पार्टी छोड़कर चले जाएंगे।
 
मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ पीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देनेवाले नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ तीन घंटे लंबी बैठक की। इस बैठक में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश चौधरी, सिद्धू के सहयोगी कुलजीत सिंह नागरा और परगट सिंह मौजूद थे। हालांकि इस बैठक में कुछ ठोस नहीं निकला। बैठक से पहले सिद्धू ने ट्वीट करके इकबालप्रीत सिंह सहोता को पंजाब पुलिस का नया डीजीपी नियुक्त किए जाने पर नाराजगी जताई थी।
 
सिद्धू ने डीजीपी सहोता पर गुरू ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के मामले में दो निर्दोष सिख युवकों को फंसाने और बादल परिवार को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। उस वक्त बेदअबी के मामले की जांच के लिए बनी  SIT को इकबाल प्रीत सिंह सहोता ही लीड कर रहे थे। इसलिए सिद्धू चाहते हैं कि डीजीपी को हटाया जाए और इसके साथ ही पंजाब के एडवोकेट जनरल अमर प्रीत सिंह देओल को भी बदला जाए। देओल ने पिछले महीने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था। मुख्यमंत्री चन्नी ने दोनों अधिकारियों को बदलने से इनकार कर दिया था। लेकिन सिद्धू के खेमे ने इससे अलग दावा किया है। चन्नी ने सिद्धू को तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की पेशकश की। इस कमेटी में सीएम चन्नी, नवजोत सिद्धू और कांग्रेस नेता हरीश चौधरी होंगे। लेकिन इसपर भी स्थिति अभी अस्पष्ट बनी हुई है।
 
पंजाब कांग्रेस में सीरियल ड्रामा जारी है और राज्य के ज्यादातर पार्टी नेता सिद्धू से नाराज हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मांग की है कि इस चेप्टर को जल्द बंद किया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री के नेतृत्व को चुनौती देने की सभी कोशिश अब खत्म होनी चाहिए। राज्य सरकार के एक और मंत्री राज कुमार वेरका ने कहा कि सिद्धू ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया और अब उन्हें सीधे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। ये रुठने-मनाने का वक्त नहीं है। राजकुमार वेरका ने सिद्धू को तीन बातों धैर्य, एडजस्टमेंट, और फ्लेक्सिबिलिटी पर अमल करने की सलाह भी दी। सिद्धू के समर्थन में अब तक केवल एक मंत्री रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दिया है। बाकी सभी मंत्री अगले दिन कैबिनेट की मीटिंग में वक्त पर पहुंच गए। सिद्धू के सबसे करीबी परगट सिंह भी कैबिनेट की मीटिंग में थे।
 
अब सिद्धू की भावी योजना को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्धू ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी से संपर्क किया था। गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पंजाब में थे। उनसे सिद्धू के बारे में पूछा गया। केजरीवाल ने जवाब दिया: ‘कांग्रेस में कुर्सी की जंग छिड़ी है। पूरा पंजाब तमाशा देख रहा है। इसलिए अभी ये बात नहीं हो रही कि कौन कहां जा रहा है। जब सिद्धू से बात होगी तो देखा जाएगा। हम आपको बताएंगे।' 
 
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बार-बार कहा था कि सिद्धू पर भरोसा मत करो। कैप्टन कहते थे ये किसी का नहीं है, ना किसी का हो सकता है। लेकिन उस समय कैप्टन की बात किसी ने नहीं सुनी। आज कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता कह रहे हैं कि प्रियंका और राहुल को सिद्धू के चक्कर में नहीं आना चाहिए था। यही वजह थी कि सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद उन्हें मनाने के लिए  किसी को दिल्ली से पंजाब नहीं भेजा गया। सिद्धू से कहा गया कि बात करनी है तो चंडीगढ़ जाकर चीफ मिनिस्टर से मिलें। उनसे कहा गया कि चीफ मिनिस्टर सिद्धू को मनाने उनके घर पटियाला नहीं जाएंगे। सिद्धू को भी समझ आ गया कि गड़बड़ हो गई। इसलिए चुपचाप चंड़ीगढ़ जाकर दो घंटे सीएम चन्नी से बात की। हालांकि इस मीटिंग में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन सिद्धू की वजह से पार्टी नेतृत्व को अब दिल्ली में नेताओं के बगावत का सामना करना पड़ रहा है।
 
बुधवार को कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि पार्टी अध्यक्ष के बिना 'हेडलेस' है और कोई नहीं जानता कि कौन फैसला ले रहा है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष और एआईसीसी पदाधिकारियों के चुनाव की मांग दोहराई और कहा कि 'हम जी-23 हैं, जी-हुजूर 23 नहीं।' जो नेता 'उनके' करीबी थे, उन्होंने पार्टी छोड़ दी है, जबकि हम जिन्हें 'उनके' करीब नहीं माना जाता है, वे अभी भी वफादार हैं और 'उनके' साथ खड़े हैं। 'उनके' से सिब्बल का मतलब पार्टी के मौजूदा केंद्रीय नेतृत्व से था।
 
ठीक उसी शाम कांग्रेस समर्थकों ने सिब्बल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। सिब्बल की कार में तोड़फोड़ की। उनके घर पर टमाटर फेंके गए। गुरुवार को पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और दिग्गज नेता के. नटवर सिंह सहित कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने इस घटना की निंदा की। चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं असहाय महसूस करता हूं जब हम पार्टी के भीतर सार्थक संवाद आरंभ नहीं कर सकते। मैं उस वक्त भी आहत और असहाय महसूस करता हूं जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपने एक साथी और सांसद के आवास के बाहर नारेबाजी किए जाने की तस्वीर देखता हूं। लगता है कि भलाई इसी में है कि व्यक्ति चुप्पी साध कर रखे'। 
 
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। इस तरह की घटनाओं से पार्टी बदनाम होती है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने का कांग्रेस का इतिहास रहा है। मतभेद और धारणाएं लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से अलग है।‘।
 
पार्टी के एक अन्य सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए जल्द से जल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने का आह्वान किया है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा- वफादार लोगों द्वारा पार्टी छोड़कर जाने से उथल-पुथल पैदा हो गई है। वहीं वयोवृद्ध कांग्रेस नेता के. नटवर सिंह ने गुरुवार को कहा, 'वर्तमान में पार्टी में कुछ भी सही नहीं है। इस वक्त कांग्रेस में सिर्फ 3 लोगों, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की ही चलती है। किसी की बात नहीं सुनी जाती। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी में उन्होंने कोई पद नहीं ले रखा है लेकिन सभी मामलों में फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने का फैसला राहुल गांधी ने लिया था।
 
उधर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों में भी पार्टी के अंदर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बदलने की मांग लेकर दिल्ली आ चुके हैं। गुरुवार को बघेल ने गांधी परिवार का बचाव करते हुए कहा, ‘सब जानते हैं कि सोनिया जी हमारी कार्यकारी अध्यक्ष हैं और अगर कपिल सिब्बल जैसे नेता नेतृत्व के बारे में सवाल उठाते हैं, तो हम क्या कह सकते हैं?’
 
आज कांग्रेस की जो हालत है उसे देखकर पार्टी के पुराने और अनुभवी नेता परेशान हैं। इनमें से अधिकांश ने व्यक्तिगत तौर पर मुझे कहा कि पार्टी का इतना बुरा हाल हमने कभी नहीं देखा। पंजाब में 3 महीने पहले ऐसा लग रहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत जाएगी लेकिन आज पार्टी का बुरा हाल है। ऐसी हालत में सब पूछते हैं कि आखिर पार्टी चला कौन रहा है? सोनिया गांधी खराब सेहत की वजह से पूरा समय नहीं दे पातीं। वो पार्टी की वर्किंग प्रेसीडेंट हैं लेकिन उनके सारे फैसले राहुल गांधी ले रहे हैं। 
 
पार्टी के नेता कहते हैं कि सिद्धू को लेकर जो फैसला लिया गया वो प्रियंका गांधी का था। हाल ये है कि पंजाब में इतना बड़ा संकट है, पार्टी के बड़े-बड़े नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ दी, सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में असन्तुष्ट सक्रिय हैं, लेकिन लेकिन राहुल गांधी केरल चले गए और प्रियंका यूपी गई हैं। नतीजा ये है कि आम आदमी पार्टी अब सिद्धू पर डोरे डालने में लगी है। केजरीवाल ने सिद्धू को लेकर अपने तेवर बदले हैं और अमरिंदर सिंह बीजेपी से हाथ मिलाने को तैयार हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूछ रहे हैं कि इतना सब करने के बाद कांग्रेस को क्या मिला? एक पुरानी कहावत है..'सौ जूते भी खाए और सौ प्याज भी।' (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 30 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement