Thursday, April 25, 2024
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आर्थिक पिछड़ों को 10% आरक्षण के मुद्दे पर 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया था। इस पर सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 01, 2019 13:09 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का निर्णय लिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने इस पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय अब इस मामले में 16 जुलाई से नियमित सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पिछली सुनवाइयों में भी इस कानून पर अंतरिम रोक लगाने की मांग ठुकरा दी थी। 

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं के जरिये सामान्य वर्ग के गरीबों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में दस फीसद आरक्षण देने के कानून को चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। 

इस मामले में एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा पिछली सुनवाई में कहा था कि यह मामला पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ को सुनवाई के लिए भेजा जाना चाहिए। आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने इस मसले पर इंद्रा साहनी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों के फैसले का उदाहरण भी दिया था। 

 
बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कानून को सही ठहरा चुकी है। सरकार का कहना है कि न तो यह कानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है और न ही यह सुप्रीम कोर्ट के इंद्रा साहनी मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है। सरकार का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसद आरक्षण राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन चुका है। यह कानून गरीबों के हक मे है। इससे कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में बराबरी का मौका मिलेगा।

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